नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान आगजनी और दंगाई भीड़ का हिस्सा होने के आरोपों से एक व्यक्ति और उसके पुत्र को यह कहते हुए बरी कर दिया कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला आरोपी मिठन सिंह और उनके बेटे जॉनी कुमार के खिलाफ तीन शिकायतों के आधार पर 2020 में हुए दंगों से संबंधित दो मामलों की सुनवाई कर रहे थे।
दिल्ली दंगा मामले में गुलफ़िशा फ़ातिमा 3 साल से UAPA के तहत तिहाड़ जेल में बंदी है,वह दिल्ली हाईकोर्ट से कह चुकी है कि "जिन लोगों को मेरे ख़िलाफ़ गवाह बनाया गया है वह ख़ुद CAA आंदोलन का हिस्सा थे और मुझे जेल में रखने के लिए उन्हें डराकर गवाह बनाया गया"#FreeGulfishafatima pic.twitter.com/qktNvtLPaY
— Paₖᵢza Sₕaᵢₖₕ😎 (@Pretty_Pakiza) April 10, 2023