दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए सांप्रदायिक दंगों के मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ दंगे और हत्या के आरोप तय कर दिए हैं. अदालत ने कहा कि प्राथमिकी में नामज़द न होने से अभियोजन का मामला अविश्वसनीय नहीं हो जाता है. अदालत ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय करने के साथ ही एक आरोपी को शस्त्र कानून से संबंधित प्रावधानों के तहत भी आरोपित किया. अदालत 25 फरवरी 2020 को उत्तर पूर्वी दिल्ली में मेन मौजपुर रोड पर दंगों के दौरान प्रेम सिंह की हत्या के मामले की सुनवाई कर रही थी.
