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दिल्ली पुलिस बृजभूषण शरण सिंह के पक्ष में काम कर रही है : प्रदर्शन कर रहे पहलवानों का आरोप

भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख ​बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस बृजभूषण शरण सिंह के पक्ष में काम कर रही है. इस बीच कई लोगों और संगठनों ने आरोप भी लगाया है कि उन्हें प्रदर्शनकारियों से मिलने से रोका जा रहा है. गुरुवार को प्रदर्शन कर रही विनेश फोगाट की बहन और पदक विजेता पहलवान गीता फोगाट ने कहा था कि उन्हें और उनके पति को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका गया. इसी तरह भारतीय किसान यूनियन के एक नेता सहित 15 लोगों को पुलिस ने गुरुवार को हरियाणा के सिंघू बॉर्डर पर हिरासत में लिया. ये सभी पहलवानों का समर्थन करने जंतर-मंतर जा रहे थे.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, विनेश फोगाट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘दिल्ली पुलिस बृजभूषण शरण सिंह के पक्ष में काम कर रही है.’ उन्होंने कहा कि पहलवानों को अब तक जो समर्थन दिया है, उसके लिए वे सर्वोच्च न्यायालय के बहुत आभारी हैं.

उन्होंने आगे कहा, ‘वे जो भी आदेश जारी करेंगे हम उसका पालन करेंगे. उन्होंने यह भी कहा है कि हम दिल्ली हाईकोर्ट या मजिस्ट्रेट के पास जा सकते हैं. समय पर कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में हम ऐसा करेंगे.’

सुप्रीम कोर्ट ने बीते 4 मई को महिला पहलवानों द्वारा दायर उस याचिका पर कार्यवाही बंद कर दी, जिसमें वे चाहती थीं कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के उनके आरोपों की जांच की जाए.

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने यह देखते हुए कि याचिका में एफआईआर दर्ज करने की प्रार्थना पूरी हो गई है, मामले को बंद करने का निर्णय लिया था.

राष्ट्रीय राजधानी में शीर्ष पहलवानों के जारी विरोध के बीच दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एक नाबालिग शिकायतकर्ता सहित पहलवानों को उचित सुरक्षा प्रदान की गई है.

पीठ ने कहा था, ‘याचिका का उद्देश्य एफआईआर दर्ज करना था, जो अब दर्ज हो गई है. एफआईआर दर्ज होने के अलावा इस अदालत ने शिकायतकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ अन्य निर्देश पारित किए थे. पुलिस ने संकेत दिया है कि नाबालिग शिकायतकर्ता को उचित सुरक्षा प्रदान कर दी गई है और अन्य को भी सुरक्षा प्रदान कर दी गई है. हम अब कार्यवाही बंद करते हैं.’

पीठ में शामिल सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा था, ‘हमने स्वयं को याचिका तक सीमित कर लिया है और वह पूरी हो गई है और अगर आप मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश से असंतुष्ट होते हैं तो आप दिल्ली हाईकोर्ट जा सकते हैं.’

ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने कहा कि पहलवानों को किसी सरकार से नहीं, बल्कि कुश्ती महासंघ और इसके अध्यक्ष से समस्या है. उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से पहलवानों का समर्थन करने का आग्रह किया.

बजरंग ने कहा, ‘मैं उनसे (हरियाणा के मुख्यमंत्री) यहां आने और हमारा समर्थन करने का आग्रह करता हूं, यह इस देश की बेटियों को न्याय दिलाने के बारे में है.’

प्रदर्शन में शामिल साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया जा रहा है और दिल्ली पुलिस से उन्हें रिहा करने का आग्रह किया.

रिपोर्ट के अनुसार, पहलवानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए दिल्ली के जंतर मंतर जा रहे भारतीय किसान यूनियन के एक नेता सहित 15 लोगों को पुलिस ने बीते गुरुवार को हरियाणा के सिंघू बॉर्डर पर हिरासत में ले लिया.

भारतीय किसान यूनियन के नेता अभिमन्यु कोहर और अन्य लोग बृजभूषण सिंह के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न की शिकायतों को लेकर पहलवानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे थे.

बीते चार मई को अभिमन्यु कोहर ने ट्विटर पर कहा, ‘हम अपने बुजुर्गों के साथ शांति से थे और युवा पहलवानों का समर्थन करने के लिए जंतर-मंतर जा रहे थे. सिंघू बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस के जवानों ने हमें रोका, बदसलूकी की, गाली दी और वरिष्ठ किसान नेताओं को लात मारी. उन्होंने हमें आक्रामक तरीके से एक पुलिस बस में धकेला और बवाना पुलिस स्टेशन ले आए. मैं उन सभी से अनुरोध करता हूं, जिनके पास विवेक है, वे पहलवानों के समर्थन में सड़कों पर आएं. यह कोई छोटा मसला नहीं है, यह हमारी बेटियों की इज्जत का मसला है.’

वीडियो में कोहर ने भारतीय जनता पार्टी सरकार पर न तो देश के किसानों और न ही महिलाओं का समर्थन करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘हमें खेती के साथ-साथ अपनी बेटियों को भी बचाना है. भाजपा दोनों के महत्व को नहीं समझती है.’

उन्होंने यह भी कहा, ‘सरकार कितना भी अत्याचार कर ले, हम न दबेंगे, न झुकेंगे, न पीछे हटेंगे.’

विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक सहित भारत के कुछ शीर्ष पहलवान कुश्ती महासंघ के प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों का विरोध कर रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. छह बार के सांसद सिंह ने आरोपों से इनकार किया है.

मालूम हो कि बीते जनवरी महीने में पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन शुरू किया था.

कई हफ्तों के विरोध के बाद बीते 23 जनवरी को मामले की जांच के लिए केंद्रीय खेल मंत्रालय के आश्वासन और ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज मैरी कॉम की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था.

इस दौरान बृजभूषण को महासंघ के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया था.

हालांकि इसके बाद भी कोई कार्रवाई ने होने के बाद बीते 23 अप्रैल को बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक समेत अन्य पहलवानों ने अपना प्रदर्शन दोबारा शुरू कर दिया.

सात दिनों के विरोध के बाद बीते 28 अप्रैल को सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई है. इनमें से एक यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत और दूसरी महिला के शील भंग का प्रयास से संबंधित है.

इससे पहले दिल्ली पुलिस द्वारा एफआईआर न दर्ज करने का आरोप लगाते हुए खिलाड़ी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जिसने 25 अप्रैल को उनकी याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था.