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बुआ जी….मुंडन संस्कार की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई थी, बस एक बुआ ही थीं, जो नहीं आईं थीं!
चित्र गुप्त =============== बुआ जी ****** घर में मध्यम दर्जे की गहमागहमी का माहौल था। उल्लास में फूला ने सुबह से ही पूरा घर सिर पर उठा रखा था। गिनती के कुछ रिश्तेदार दुआर पर खटिया डाले बैठे हुए थे। अखंड रामायण का पाठ थोड़ी देर पहले ही समाप्त हुआ था। हवन कराने के लिए […]
भारद्वाज दिलीप की रचना ”चिंता” पढ़िये!
भारद्वाज दिलीप ================= चिंता ____ मुझे लगता है मेरे दोस्त मुझ पर जो कभी कभी ताना मारते थे वो सही थे कि मुझे औरो की तरह खुश रहना सीख लेना चाहिए …. पर मैं कई बार सोचता कि वो कैसे और किस लिए, किसके लिए खुश रहा जाये। न जाने कब से कितने ही समय […]
जो पूरे ना हो सके वो ख़ाब….डॉ. विजया सिंह की रचनायें पढ़िये!
Dr.vijayasingh Alwar, India, Rajasthan Dr.vijayrani1@gmail.com ============== जो पूरे ना हो सके वो ख्वाब उनका टूट जाना ही अच्छा जो ना बन सके कभी अपने उनका रूठ जाना ही अच्छा यूँ तो सफर कटता नहीं अकेले मगर बेवफा सनम से तन्हाई का आलम ही अच्छा चिरागों की रोशनी से ख़फ़ा तो नहीं मैं मगर उनकी बेतुकी […]