नई दिल्ली: सऊद अरब के आलोचक पत्रकार जमाल खशोगी की लगभग दो हफ्ते पहले रहस्मय ढँग से लापता होने के बाद सऊदी अरब ने ज़ुबान खोली है,लेकिन कहीं ना कहीं वो अपना पल्ला झाड़ने का काम कर रहा है।वैश्विक शक्तियों ने उससे इस खुलासे से जुड़े अपने सवालों का जवाब तो मांगा ही है, साथ ही खशोगी के शव की भी जानकारी देने को कहा है।
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बता दें कि करीब दो सप्ताह तक सऊदी अधिकारी 60 वर्षीय खशोगी के जिंदा हालत में दूतावास से वापस लौटने का दावा करते रहे थे, लेकिन शनिवार को उन्होंने वाशिंगटन पोस्ट अखबार से जुड़े खशोगी की तुर्की स्थित दूतावास में 2 अक्तूबर को पहुंचने के बाद कर्मचारियों के साथ झगड़े में मौत हो जाने की बात स्वीकार कर ली थी। लेकिन खशोगी के शव के नहीं मिलने से खुद उसके ही मजबूत सहयोगी देशों ने इस खुलासे पर संदेह खड़ा कर दिया है। इसके चलते इस मसले ने खाड़ी देश की राजशाही को एक अंतरराष्ट्रीय संकट में फंसा दिया है।
तुर्की ने दावा किया है कि वह अपनी जांच में इस हत्या की सही जानकारी पेश करेगा। उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी के खुलासे से असंतुष्ट होने की बात कही है। यूरोपियन संघ, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और संयुक्त राष्ट्र ने भी सऊदी अरब से इस मामले को और ज्यादा स्पष्ट करने की मांग की है। हालांकि दूसरी तरफ सऊदी अरब के सहयोगी खाड़ी देशों यूएई, मिस्र, कुवैत व ओमान ने उसके इस खुलासे का स्वागत किया है। साथ ही सऊदी अरब के सभी प्रमुख समाचार पत्रों ने भी रविवार को अपने संस्करणों के मुख्य पृष्ठ पर राजशाही सरकार का समर्थन किया है।
खशोगी की हत्या के मामले में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बन सलमान परेशानी में घिरते दिखाई दे रहे हैं। खशोगी को एमबीएस के नाम से मशहूर और ट्रंप प्रशासन के फेवरेट सलमान का कट्टर आलोचक माना जाता था और वे राजगद्दी के 33 वर्षीय उत्तराधिकारी की आधुनिक अरब निर्माता की छवि पर सवाल उठाते रहे हैं। सऊदी अधिकारी इस मामले में सलमान का हाथ होने से इनकार कर रहे हैं, लेकिन न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार, तुर्की की तरफ से चिह्नित किया गए एक संदिग्ध सलमान के साथ लगातार दिखता रहता है, तीन अन्य संदिग्ध सलमान की सुरक्षा से जुड़े रहे हैं, जबकि पांचवां संदिग्ध एक उच्चस्तरीय फोरेंसिक एक्सपर्ट है। इसके चलते सलमान पर सवाल उठने स्वाभाविक दिखाई दे रहे हैं।
तुर्की अधिकारियों ने इसे रियाद (सऊदी की राजधानी) की तरफ से राज्य समर्थित हत्या और उसके शव के टुकड़े कर गायब करने का मामला बताया है। उन्होंने इसके लिए कई वीडिया व ऑडियो सबूत भी होने का दावा किया है। पुलिस ने इस्तांबुर के जंगल में खशोगी के शव की तलाश करने के साथ ही सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में भी छापेमारी कर शव की तलाश की थी।