नई दिल्ली: केरल में आई बाढ़ के बाद देश के कोने-कोने से बाढ़ पीड़ितों के लिए मदद आ रही है, देश के कई राज्यों के बाद, भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भी मदद की पेशकश की थी।
इसी बीच भारत सरकार द्वारा संयुक्त अरब अमीरात की 700 करोड़ की वित्तीय सहायता को ठुकराने पर काफी बवाल मचा था, जिसके बाद दुबई के शासक के ट्वीट ने इस कंट्रोवर्सी को दुगना कर दिया था, अपने ट्वीट में दुबई के शासक मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने लिखा था कि एक आदर्श शासक कैसा होना चाहिए?
मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने लिखा था कि दुनिया में शासक दो प्रकार के होते हैं। पहले प्रकार के वो जो अच्छाई की कुंजी होते हैं, वे लोगों की सेवा करना पसंद करते हैं।
#علمتني_الحياة أن المسئولين نوعان .. النوع الأول هم مفاتيح الخير .. يحبون خدمة الناس .. سعادتهم في تسهيل حياة البشر .. وقيمتهم فيما يعطونه ويقدمونه.. وإنجازهم الحقيقي في تغيير الحياة للأفضل .. يفتحون الأبواب، ويقدمون الحلول.. ويسعون دائما لمنفعة الناس
— HH Sheikh Mohammed (@HHShkMohd) August 26, 2018
उन्हें मानव जीवन को सुविधाजनक बनाने में खुशी मिलती है और उनका मूल्य उनके द्वारा प्रदान किए जाने वाले कार्यों में होता है। उनकी वास्तिवक उपलब्धि लोगों के जीवन को बदलना और उनके लिए बंद दरवाजों को खोलना है। वे हमेशा समाधान प्रदान करते हैं और हमेशा लोगों के लाभ के बारे में सोचते हैं।
अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि ‘दूसरे प्रकार के शासक वे हैं जो अच्छी चीजों को रोक देते हैं और लोगों के जीवन को मुश्किल बना देते हैं। उन्हें लोगों को अपने दरवाजे पर देखकर खुशी मिलती है, कोई भी सरकार तभी सफल होगी जब पहले प्रकार के शासक ज्यादा हों और दूसरे प्रकार के कम।
والنوع الثاني.. مغاليق للخير .. يصعّبون اليسير .. ويقلّلون الكثير .. ويقترحون من الإجراءات ما يجعل حياة البشر أكثر مشقة .. سعادتهم في احتياج الناس لهم ووقوفهم بأبوابهم وعلى مكاتبهم ..
لا تنجح الدول والحكومات إلا إذا زاد النوع الأول على الثاني .. #علمتني_الحياة— HH Sheikh Mohammed (@HHShkMohd) August 26, 2018
सोशल मीडिया पर दुबई के सुल्तान के इन ट्वीट्स को काफी पसंद किया जा रहा है, साथ ही कई सारे ट्वीटर उपभोक्ताओं का ये मानना है कि यूएई के सुल्तान अपने ट्वीट के जरिए मोदी सरकार को निशाना बना रहे हैं।
आपको बता दें कि जिस 700 करोड़ की मदद के पीछे सारा बवाल मचा हुआ है, उसे लेकर यूएई की तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, केरल सरकार कने भी इस बात पर सहमति व्यक्त की है।