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देश की राजधानी दिल्ली में रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना, आवारा कुत्तों ने दो सगे भाईयों को नोंच-नोंचकर मार डाला!

देश की राजधानी दिल्ली में रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई हैं। वसंतकुंज इलाके में 8 से 10 आवारा कुत्तों ने दो सगे मासूम भाईयों को दो दिन में नोंच-नोंचकर मार डाला। आवारा कुत्तों ने बड़े भाई आनंद(7) पर शुक्रवार को हमला कर दिया और उसे नोंच-नोंच कर मौके पर ही मार डाला।

दूसरे भाई आदित्य(5) पर कुत्तों ने रविवार सुबह हमला कर दिया। पास में मौजूद आदित्य के चचेरे भाई चंदन व वहां गश्त कर रहे दिल्ली पुलिस के एसआई महेंद्र ने उसे कुत्तों ने छुड़ाया। दोनों ने उसे स्पाइनल इंजुरी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने दोनों भाईयों के शवों का पोस्टमार्टम करवा दिया है। दोनों भाईयों के शरीर पर कुत्तों के नोंचने के काफी निशान पाए गए हैं। दूसरी तरफ कुत्तों के आतंक से सिंधी कैंप व आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई है। लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हो गए हैं। पुलिस अन्य कोणों से भी जांच कर रही है।

 

दो बच्चों की मौत पर लोगों ने उठाए सवाल
वसंत कुंज इलाके में घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने दोनों बच्चों की लावारिस कुत्तों के हमले से मौत की वजह पर सवाल उठाए। किसी ने कहा कि इतने दिनों से यहां रह रहे हैं, लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ। आखिरकार, एक ही घर के दो बच्चों को कैसे कुत्तों ने निशाना बनाया। जिस वक्त आदित्य शौच के लिए जा रहा था, वहां से लौटने के दौरान कुत्ते या बच्चे की चीखने की आवाज भी किसी ने नहीं सुनी, जबकि बस्ती से महज 100 मीटर की दूरी पर ही रंगपुरी की पहाड़ी का जंगल है।

वहीं, घटना के बाद से पूरी बस्ती के लोग इतने खौफजदा हैं कि जंगल की तरफ जाने की कोई हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहा है। पुलिस घटनास्थल पर पत्थर-मिट्टी और आसपास खून के धब्बों सहित जंगल के हर कोने को खंगाल रही है।


दो बेटों के छिनने से बिलखती रही मां
रंगपुरी पहाड़ी की सिंधी झुग्गी-बस्ती में रविवार को हर शख्स के आंसू निकल रहे थे। तीन दिन में दो मासूमों की दर्दनाक मौत से पूरी बस्ती का माहौल गमगीन था। मां सुषमा का रो-रोकर बुरा हाल था। सुषमा बार-बार बेहोश होकर नीचे गिर रही थी। बिलखती हुई बस यही कह रही थी कि दोनों बेटों को क्यों छीन लिया।
परिवार के सदस्य लगातार उसे संभालते हुए ढांढस बंधा रहे थे। रोते हुए बड़ी बहन सुचित्रा ने कहा कि दोनों भाईयों की मौत ने जिंदगीभर का दर्द दे दिया है। हमारे दिल पर क्या बीत रही है, ये हम ही जानते हैं।


टीम ने 10-12 लावारिस कुत्तों को पकड़ा
घटना के बाद लावारिस कुत्तों को पकड़ने के लिए निगम की टीम मुस्तैद रही। 10-12 कुत्तों को पकड़कर बंद वाहनों में ले जाया गया, जिन्हें नसबंदी के बाद दोबारा वहीं छोड़ दिया जाएगा। घटना के बाद इलाके के लोगों में इस कदर खौफ है कि अब जंगल का रुख करने से भी बच रहे हैं।

दो माह पहले ही बस्ती में आए थे रहने
मां सुषमा करीब दो माह पहले बस्ती में बच्चों के साथ रहने आई थी। जंगल को पार करने के बाद सुषमा की जेठानी भी अपने परिवार के साथ रहती है। सुषमा ब्यूटी पार्लर में काम कर परिवार का गुजारा कर रही थी। सुषमा कुछ बोलने से पहले बेहोश होकर बार-बार गिर रही थी।

150 मीटर अंदर चला गया था भाई
आदित्य के चचेरे भाई चंदन ने बताया कि वह सुबह करीब 8:15 बजे भाई के साथ जंगल में शौच के लिए गया था। कोई देखे नहीं, इसलिए चंदन जंगल में करीब 150 मीटर आगे तक चला गया। इसके बाद घर लौटकर आया, लेकिन आदित्य नहीं पहुंचा तो उसे देखने के लिए फिर जंगल चला गया। यहां आदित्य लहूलुहान पड़ा था और कुत्तों के काटने के निशान थे। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने आदित्य को मृत घोषित कर दिया। करीब 3:30 बजे अंतिम संस्कार कर दिया गया।