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कुछ दोहे….कौन किसी को दे सका, पल भर को आराम, सबकी अपनी जिंदगी, सबके अपने काम!
चित्र गुप्त =============== कुछ दोहे ******** चिंता बोली चिता से, मैं जंगल तू रेह तू मुर्दे को बारती, मैं जिंदे की देह सपने डिजिटल इंडिया, के देकर सरकार कटवा देगी एक दिन इंटरनेट के तार। इक पलड़े में दुःख सभी, तह से कर दो सेट फिर भी भारी ही लगी, मोबाइल बिन नेट चित्रगुप्त कारण […]
विश्व कविता दिवस पर विशेष, By-Aftab Padhan Dingarpuri
Aftab Padhan Dingarpuri ============== विश्व कविता दिवस (#World_Poetry_Day) *विश्व कविता दिवस प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को मनाया जाता है * यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) ने प्रति वर्ष 21 मार्च को कवियों और कविता की सृजनात्मक महिमा को सम्मान देने के लिए यह दिवस मनाने का निर्णय किया * यूनेस्को ने 21 […]
फ़ैशन के नाम पर अंगप्रदर्शन, सभ्य और संस्कारी परिवार क्या कहते हैं ??
Arvind Verma ============== फ़ैशन के नाम पर अंगप्रदर्शन, आधुनिकता के नाम पर फूहड़ता और लिव इन रिलेशनशिप का समर्थन करने वाली अधिकतर 16 वर्ष से 66 वर्ष की लड़कियों ने अपना मत रखा कि “पुरुष भी तो करते हैं, ताली एक हाथ से नहीं बजती है”…हम भी अपनी मर्जी के मालिक हैं, हमें भी आजादी […]