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दो वादे…..”ए सरजू….सुन तुझसे एक बहुत ज़रूरी बात करनी है”…By-संजय नायक ‘शिल्प’
संजय नायक ‘शिल्प’ ============== दो वादे….. ट्रेन अपनी गति से उसके गाँव की ओर बढ़ी चली जा रही थी। रंजना पूरे तेरह साल बाद गाँव जा रही थी। उसके पिताजी अपने अंतिम साँसें ले रहे थे। उसने अपनी आँखें बंद करके सर को बर्थ के पीछे की दीवार से टिका दिया था। तेरह साल पुरानी […]
‘अंतिम इच्छा’……. By-प्रवीण राणा वर्मा
Praveen Rana Verma ============ · ‘अंतिम इच्छा ‘ सर्दियों की भोर, वो भी पहाड़ों पर ! आह! क्या अदभुत दृश्य है। हरी-भरी पहाड़ियों से झाँकती किरणें। मानो आकाश ने आग ओढ़ ली हो और धीरे – धीरे वही चादर वह ओढ़ाना चाहता हो पहाडों को। स्वच्छ-निर्मल जल की साड़ी पहने बह रही है नदी अपने […]
भगवान तो मात्र भाव के भूखे होते हैं,,,,,, लक्ष्मी सिन्हा की रचना पढ़िये!
Laxmi Sinha =============== जब ईश्वर का वास हृदय में माना गया है तो मंदिर जैसे उपासना स्थल क्यों बनाए जाते हैं? मंदिरों की स्थापना के पीछे उद्देश्य था कि पूजा, अर्चना और यज्ञ आदि द्वारा पवित्र तन्मात्राओं यानी पंचभूतों के सूक्ष्म रूप की सृष्टि की जाए। किसी साधु हृदय व्यक्ति हो पूजा का कार्यभार सौंपा […]