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नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के 12 ज़िलों और दोनों राज्यों के पांच अन्य ज़िलों के कुछ हिस्सों में आफस्पा क़ानून की अवधि बढ़ी

भारत की केन्द्र सरकार ने कहा कि नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के 12 ज़िलों और दोनों राज्यों के पांच अन्य ज़िलों के कुछ हिस्सों में सशस्त्र बल विशेषाधिकार क़ानून (आफस्पा) के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ की अवधि छह महीने के लिए और बढ़ा दी है।

सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम, 1958 (आफस्पा) सुरक्षा बलों को अभियान चलाने और बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने की शक्ति प्रदान करता है और अगर सुरक्षा बलों की गोली से किसी की मौत हो जाए तो भी यह उन्हें गिरफ़्तारी और अभियोजन से संरक्षण प्रदान करता है।

द हिंदु के मुताबिक, इसमें कहा गया है कि राज्य में क़ानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद नगालैंड के नौ ज़िलों और 16 पुलिस थानों को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया जाता है.

नगालैंड में कुल 16 ज़िले हैं जबकि अरुणाचल प्रदेश में 26 ज़िले हैं.

पिछली पहली अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने असम, मणिपुर और नगालैंड राज्यों में ‘अशांत क्षेत्रों’ को काफ़ी कम कर दिया था, आफस्पा 1995 से पूरे नागालैंड में लागू था।

वर्ष 2015 में त्रिपुरा से और 2018 में मेघालय से आफस्पा को पूरी तरह से हटा दिया था।

समूचे असम में 1990 से अशांत क्षेत्र अधिसूचना लागू थी, हालांकि स्थिति में अहम सुधार को देखते हुए पहली अप्रैल से असम के 23 जिलों से आफस्पा पूरी तरह हटाया दिया था, जबकि एक जिले से यह आंशिक रूप से ख़त्म किया गया था।

नगालैंड में पिछले साल दिसम्बर में 14 नागरिकों की हत्या ने इस क़ानून को लेकर स्थानीयों में तनाव बढ़ा दिया था, तब लोगों ने आफस्पा को हटाने के लिए कई हफ्तों तक प्रदर्शन किया था। (