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नाटो ने किया शुरू परमाणु सैन्य अभ्यास : युद्ध और आतंकवाद का पोषक अमेरिका और नाटो देश “वैश्विक तबाही” चाहते हैं!

नाटो के सेक्रेट्री जनरल जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने व्लादिमिर पुतिन की तरफ से परमाणु हमले की धमकी दिए जाने के बाद, इस ड्रिल को न करने के लिए आईं सभी अपील खारिज कर दीं थीं।

स्टोल्टेनबर्ग ने पिछले हफ्ते कहा था कि अगर हम यूक्रेन युद्ध के कारण लंबे समय से पूर्वनियोजित अभ्यास को नहीं करेंगे तो, इससे गलत संदेश जाएगा।

उन्होंने कहा कि हमें यह समझना होगा कि नाटो का मजबूत, पूर्वापेक्षित व्यवहार, हमारी सैन्य ताकत है। यही तनाव बढ़ने से रोकने का बेहतर तरीका है।

30 देशों के संगठन नाटो ने जोर देकर कहा कि यह एक नियमित, और बार-बार होने वाला अभ्यास है, जो 30 अक्टूबर तक चलेगा। रूस के यूक्रेन पर हमले से पहले ही इसकी योजना थी और मौजूदा हालात से इसका कोई संबंध नहीं है।

नाटो के इस अभ्यास में, अमेरिका के B-52 लॉन्ग-रेंज के बॉन्ब और कुल 60 एयरक्राफ्ट शामिल होंगे। बेल्जियम, ब्रिटेन और उत्तरी सागर के आसमान में यह अभ्यास होगा।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को चेतावनी देते हुए कहा था कि रूसी सेना के साथ नाटो सैनिकों की टक्कर से “वैश्विक तबाही” होगी। कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि रूसी सेना के साथ सीधे संपर्क या सैनिकों के साथ नाटो का सीधा टकराव एक बहुत ही खतरनाक कदम होगा, जो वैश्विक तबाही का कारण बन सकता है, मुझे उम्मीद है कि जो लोग यह कहते हैं, काफी समझदार है कि ऐसा कदम नहीं उठाएंगे।