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दुखी क्यों हो यशोदा, दूसरे की बस्तु पर अपना क्या अधिकार?
R. S. Gupta ================== नंद बाबा चुपचाप रथ पर कान्हा के वस्त्राभूषणों की गठरी रख रहे थे। दूर ओसारे में मूर्ति की तरह शीश झुका कर खड़ी यशोदा को देख कर कहा- दुखी क्यों हो यशोदा, दूसरे की बस्तु पर अपना क्या अधिकार? यशोदा ने शीश उठा कर देखा नंद बाबा की ओर, उनकी आंखों […]
ये जंगल है, लोकतंत्र नही…जो नाम बदलकर बेवकूफ़ बना देगा…यहाँ मैं ही राजा हूँ…
नितिन सिंह =========== मैं जंगल हूँ एक बिरजू नामक बहुत ही बिगड़ैल भेड़िया था सभी जानवरो को परेशान करना.. उनका खाना चुरा लेना.. आपस मे लड़वाना उसकी आदत थी.. जंगल के सभी आम जानवर परेशान हो गए तो वो राजा शेर के पास गए…महाराज हम बहुत परेशान हैं…और पूरी बात विस्तार से बताई…राजा शेर ने […]
कुछ दोहे….कौन किसी को दे सका, पल भर को आराम, सबकी अपनी जिंदगी, सबके अपने काम!
चित्र गुप्त =============== कुछ दोहे ******** चिंता बोली चिता से, मैं जंगल तू रेह तू मुर्दे को बारती, मैं जिंदे की देह सपने डिजिटल इंडिया, के देकर सरकार कटवा देगी एक दिन इंटरनेट के तार। इक पलड़े में दुःख सभी, तह से कर दो सेट फिर भी भारी ही लगी, मोबाइल बिन नेट चित्रगुप्त कारण […]