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नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी पर महागठबंधन के दलों की बीजेपी के लिये जासूसी करने का आरोप लगाया!

जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन से अलग होने के फ़ैसले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि ‘ये ठीक हुआ.’

इतना ही नहीं, नीतीश कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर महागठबंधन के दलों की जासूसी का आरोप भी लगाया.

उन्होंने कहा, “अभी 23 तारीख़ को विरोधी दलों की मीटिंग है, सभी पार्टियों के लोग अपनी-अपनी बात करेंगे. अगर ये लोग अंदर रहते तो जो कुछ भी बातचीत होती, उसके बारे में बीजेपी को सारी ख़बर होती.”

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के महागठबंधन से अलग होने के फ़ैसले पर नीतीश कुमार ने कहा, “अभी हम लोगों की मीटिंग होने वाली है. वे भी मीटिंग में शामिल होना चाहते थे. वे बीजेपी के लोगों से मिल रहे थे, मिलकर हमारे यहां भी आकर कहते थे.”

“हम सब बात समझ रहे थे. हमने कहा कि आप या तो अपनी पार्टी का हमारे साथ विलय कर लें और अगर ऐसा नहीं हैं तो अलग हो जाएं. उन्होंने विलय नहीं किया और कहा कि अलग हो जाएंगे. ये ठीक ही हुआ. ये ज़रूरी था.”

साल 2014 में अपने इस्तीफ़े और जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “हम इस्तीफा दे दिए थे… आपको याद है न साल 2014 की कहानी. लोकसभा चुनाव के बाद. हमने अपनी जगह उस व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना दिया. अभी वो क्या बोलते रहे हैं, उनकी नहीं पता है.”

“उस वक्त पार्टी का कोई नेता नहीं चाह रहा था कि हम पद छोड़ें. किसी ने उनके नाम का सुझाव नहीं दिया था लेकिन हमने पद छोड़कर उन्हें मुख्यमंत्री बनाया. हमने सोचा कि हम हटेंगे तो अनुसूचित जाति से किसी को मुख्यमंत्री बनाएंगे. हमने ऐसा किया लेकिन उसके बाद उन्होंने अपना ठीक रूप नहीं दिखाया.”