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न्यूयॉर्क में हमले के बाद से ख़बीस सलमान रुश्दी को ‘अजीबो-ग़रीब सपने’ आते हैं!

सलमान रुश्दी ने कहा है कि पिछले साल न्यूयॉर्क में उन पर चाकू से हुए हमले के बाद आज भी उन्हें ‘अजीबोगरीब सपने’ आते हैं.

बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के न्यूज़आवर प्रोग्राम में विशेष बातचीत करते हुए सर सलमान रुश्दी ने कहा कि वो नहीं जानते कि इस तरह के सार्वजनिक कार्यक्रम में वो दोबारा कब शामिल हो पाएंगे.

मशहूर उपन्यास सैटेनिक वर्सेस के लेखक ने कार्यक्रम प्रजेंटर रज़िया इक़बाल को बताया कि अदालत में हमलावर का सामना करने के बारे में वो अभी भी दुविधा में हैं.

साथ ही उन्होंने कहा कहा कि उस अनुभव के आधार पर वो एक नई किताब लिख रहे हैं लेकिन वो फिर से सामान्य ज़िंदगी की ओर लौटने की कोशिश कर रहे हैं.

रुश्दी ने कहा कि उन्हें ब्रिटेन की सरकार ने सुरक्षा मुहैया की है और यह ब्रिटेन में रहने के दौरान जारी रहेगी जबकि अमेरिका में रहने के दौरान वो निजी सुरक्षा का इस्तेमाल करते हैं.

उनसे जब पूछा गया कि उनके सबसे मशहूर उपन्यास के बाद यूरोप और अमेरिका में इस्लाम के प्रति नज़रिया में कोई बदलाव आया, इस पर सर सलमान ने कहा, “मुझे लगता है कि हमें लोगों निजी आस्था, जिससे हमारा कोई संबंध नहीं होता और किसी भी धर्म के राजनीतिकरण और उसे हथियार बनाने में फर्क करना चाहिए. यह बात सिर्फ इस्लाम के बारे में ही नहीं है.”

उन्होंने कहा, “अमेरिका में ईसाइयत का जो स्वरूप है वो बहुत आक्रामक है और गर्भपात क़ानून को पलटने और इसे लेकर पूरी बहस के लिए ज़िम्मेदार है. इसलिए मैं समझता हूं कि असल में ये उतना भी जटिल नहीं है…शायद अगर हम अपने दिमाग साफ़ रखें कि निजी धार्मिक आस्था और धर्म के राजनीतिकरण के बीच फ़र्क होता है. जो हमें इस बारे में सोचने का एक रास्ता मिलता है.”