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पवित्र क़ुरआन के अपमान के बाद स्वेडन के दूतावास में घुसे प्रदर्शनकारी, लहराया इस्लामी परचम!

इराक़ के विदेशमंत्रालय ने स्वेडन की सरकार से मांग की है कि वो क़ुरआन का अनादर करने वाले गुस्ताख़ को इराक़ के हवाले कर दे ताकि उसके ख़िलाफ़ मुक़द्दमा चलाया जाए। इस बीच क़ुरआन को फाड़कर उसे जलाने वाले गुस्ताख़ व्यक्ति ने कहा है कि वो इस निंदनीय घटना को दोहराने का इरादा रखता है।

इस घटना की विश्व भर में और ख़ास तौर पर इस्लामी और अरब देशों में निंदा की गई है।

गुरुवार को इराक़ी प्रदर्शनकारी बग़दाद में स्वेडन के दूतावास में घुस गए और इस बात पर भारी नाराज़गी जताई कि स्वेडन की सरकार ने सलवान मोमिका को यह घटिया हरकत अंजाम देने की अनुमति दी। यह हरकत स्वेडन की राजधानी स्टाकहोम की मस्जिद के सामने अंजाम दी गई और पुलिस ने अपनी निगरानी में यह निंदनीय अमल अंजाम दिलवाया।

इराक़ की सर्वोच्च न्यायिक परिषद के प्रमुख फ़ायक़ ज़ैदान ने कहा कि क़ुरआन का अनादर करने वाले व्यक्ति के ख़िलाफ़ क़ानून कार्यवाही की जाएगी। गुस्ताख़ व्यक्ति ने कहा है कि वह दस दिन के भीतर एक बार फिर क़ुरआन और इराक़ का ध्वज जलाएगा और यह घटना स्टाकहोम में इराक़ी दूतावास के सामने अंजाम देगा।

क़ुरआन जलाने वाले व्यक्ति का कहना है कि उसे अच्छी तरह पता है कि वह ख़तरनाक काम कर रहा है।

अमरीका ने क़ुरआन जलाए जाने की घटना की निंदा की। रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि मास्को सरकार स्वेडन के प्रशासन के इस रवैए को ख़ारिज करते है कि उत्तेजक इस्लामोफ़ोबिया के तहत किसी व्यक्ति को क़ुरआन जलाने की अनुमति दी जाए।

संयुक्त राष्ट्र संघ के सभ्यताओं के एलायंस नामक संगठन ने भी इस घटना की निंदा की। ओआईसी, अरब लीग, फ़ार्स खाड़ी सहयोग परिषद, अरब संसद जमेअतुल अज़हर, इस्लामी धर्मगुरुओं की विश्व परिषद और लेबनान की सर्वोच्च शीया इस्लामी परिषद ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है।

इस्लामी गणराज्य ईरान, इराक़, इमारात, जार्डन और मोरक्को ने स्वेडन के राजदूतों को अपने अपने यहां विदेश मंत्रालय में तलब करके इस घटना पर भारी आपत्ति दर्ज कराई है।

सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की घटिया हरकतों को जो बार बार हो रही हैं किसी भी तरह सहन नहीं किया जा सकता।

क़तर ने कहा कि यह तो खुली भड़काऊ कार्यवाही है। फ़िलिस्तीन, बहरैन और यमन सहित इस्लामी देशों के नेताओं ने इस घटिया हरकत की कड़ी निंदा की है।

Imran Khan
@ImranKhanPTI
Strongly condemn the hate-filled Islamophobic crime of burning of the Holy Quran in Sweden – a loathsome act sanctioned by the Swedish police.

Such a hate-filled act serves no purpose beyond causing anger and deep hurt to Muslims across the world.

Swedish govt should recall the UNGA Resolution (see below) and also realise that freedom of speech in no way allows absolute freedom simply to cause hurt to others.

No freedom for one individual is absolute – as made clear also in the EU Human Rights Convention including in Article 9.