इराक़ के विदेशमंत्रालय ने स्वेडन की सरकार से मांग की है कि वो क़ुरआन का अनादर करने वाले गुस्ताख़ को इराक़ के हवाले कर दे ताकि उसके ख़िलाफ़ मुक़द्दमा चलाया जाए। इस बीच क़ुरआन को फाड़कर उसे जलाने वाले गुस्ताख़ व्यक्ति ने कहा है कि वो इस निंदनीय घटना को दोहराने का इरादा रखता है।
इस घटना की विश्व भर में और ख़ास तौर पर इस्लामी और अरब देशों में निंदा की गई है।
Muslims angry over Quran burning in Sweden
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— Press TV (@PressTV) June 30, 2023
गुरुवार को इराक़ी प्रदर्शनकारी बग़दाद में स्वेडन के दूतावास में घुस गए और इस बात पर भारी नाराज़गी जताई कि स्वेडन की सरकार ने सलवान मोमिका को यह घटिया हरकत अंजाम देने की अनुमति दी। यह हरकत स्वेडन की राजधानी स्टाकहोम की मस्जिद के सामने अंजाम दी गई और पुलिस ने अपनी निगरानी में यह निंदनीय अमल अंजाम दिलवाया।
In Afghanistan, an RPG blew up the flag of Sweden after the burning of the Quran pic.twitter.com/HnTVt8QBmg
— Spriter Team (@SpriterTeam) June 30, 2023
इराक़ की सर्वोच्च न्यायिक परिषद के प्रमुख फ़ायक़ ज़ैदान ने कहा कि क़ुरआन का अनादर करने वाले व्यक्ति के ख़िलाफ़ क़ानून कार्यवाही की जाएगी। गुस्ताख़ व्यक्ति ने कहा है कि वह दस दिन के भीतर एक बार फिर क़ुरआन और इराक़ का ध्वज जलाएगा और यह घटना स्टाकहोम में इराक़ी दूतावास के सामने अंजाम देगा।
An Iraqi burned the Quran in Stockholm, Sweden. Iraqis have attacked Swedish embassy in Baghdad, Iraq. Irony just died a thousand deaths! pic.twitter.com/WsXXxuTPaQ
— Ashok Swain (@ashoswai) June 29, 2023
क़ुरआन जलाने वाले व्यक्ति का कहना है कि उसे अच्छी तरह पता है कि वह ख़तरनाक काम कर रहा है।
अमरीका ने क़ुरआन जलाए जाने की घटना की निंदा की। रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि मास्को सरकार स्वेडन के प्रशासन के इस रवैए को ख़ारिज करते है कि उत्तेजक इस्लामोफ़ोबिया के तहत किसी व्यक्ति को क़ुरआन जलाने की अनुमति दी जाए।
संयुक्त राष्ट्र संघ के सभ्यताओं के एलायंस नामक संगठन ने भी इस घटना की निंदा की। ओआईसी, अरब लीग, फ़ार्स खाड़ी सहयोग परिषद, अरब संसद जमेअतुल अज़हर, इस्लामी धर्मगुरुओं की विश्व परिषद और लेबनान की सर्वोच्च शीया इस्लामी परिषद ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है।
National emblem of Sweden, Three Crowns, was removed from the top of its embassy building in Baghdad by demonstrators protesting the incident of burning the Holy Quran. pic.twitter.com/k3mgvXUGHl
— Clash Report (@clashreport) June 29, 2023
इस्लामी गणराज्य ईरान, इराक़, इमारात, जार्डन और मोरक्को ने स्वेडन के राजदूतों को अपने अपने यहां विदेश मंत्रालय में तलब करके इस घटना पर भारी आपत्ति दर्ज कराई है।
सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की घटिया हरकतों को जो बार बार हो रही हैं किसी भी तरह सहन नहीं किया जा सकता।
क़तर ने कहा कि यह तो खुली भड़काऊ कार्यवाही है। फ़िलिस्तीन, बहरैन और यमन सहित इस्लामी देशों के नेताओं ने इस घटिया हरकत की कड़ी निंदा की है।
Imran Khan
@ImranKhanPTI
Strongly condemn the hate-filled Islamophobic crime of burning of the Holy Quran in Sweden – a loathsome act sanctioned by the Swedish police.
Such a hate-filled act serves no purpose beyond causing anger and deep hurt to Muslims across the world.
Swedish govt should recall the UNGA Resolution (see below) and also realise that freedom of speech in no way allows absolute freedom simply to cause hurt to others.