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पश्चिम बंगाल : टीएमसी के दो कार्यकर्ताओं की हत्या!

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के बाद भी हिंसा जारी है। शनिवार को दक्षिण 24 परगना जिले में अलग-अलग स्थानों पर चुनावी रंजिश में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दो कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई। दूसरी तरफ दक्षिण 24 परगना जिले के ही हिंसाग्रस्त भांगड़ इलाके में आठ जुलाई को पंचायत चुनाव से एक दिन पहले हुई हिंसा में घायल हुए तृणमूल कार्यकर्ता शेख मुस्लिम की शनिवार को अस्पताल में मौत हो गई। राज्य में चुनावी हिंसा में अब तक 55 लोगों की मौत हो चुकी है।

जानकारी के मुताबिक, इनमें तृणमूल कार्यकर्ता प्रलय मंडल की शनिवार सुबह बिष्णुपुर इलाके में उनके आवास के सामने नजदीक से गोली मारकर हत्या कर दी गई। इससे पहले कैनिंग इलाके में सत्तारूढ़ पार्टी के एक अन्य कार्यकर्ता नाटू गाजी की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया गया।

तीनों ही मामलों में तृणमूल कांग्रेस ने इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के कार्यकर्ताओं पर हत्या का आरोप लगाया है। आईएसएफ ने आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि ये हत्याएं इलाके में सत्तारूढ़ पार्टी के दो समूहों के बीच अंदरूनी लड़ाई के कारण हुईं।

भाजपा कार्यकर्ता के साथ मारपीट
वहीं, पश्चिम मेदिनीपुर जिले में एक भाजपा कार्यकर्ता के साथ मारपीट करने और पानी मांगने पर पेशाब पिलाने का मामला सामने आया है। घटना गड़वेता थाना क्षेत्र के महिदा इलाके की बतााई गई है। आरोप सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर लगा है, लेकिन तृणमूल ने आरोपों को नकार दिया है।

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और पश्चिमी मिदनापुर के नेता समित कुमार दास ने कहा कि हिंसा के मामले में तृणमूल कांग्रेस, माकपा से भी आगे निकल गई है। दास ने दावा किया कि तृणमूल के लोगों ने पिकनिक मनाने की बात कहकर हमारे कार्यकर्ता से पैसे मांगे। वह पैसे नहीं दे सका तो तृणमूल कार्यकर्ता उसे घर से बुलाकर अपने पार्टी कार्यालय में ले जाकर पहले उसकी पिटाई की। पानी मांगा तो गिलास में पेशाब करके उसके मुंह में डाल दिया गया। गंभीर रूप से घायल कार्यकर्ता को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दास ने कहा कि घटना को अंजाम देने वाले सभी तृणमूल कार्यकर्ता नशे में थे।

तृणमूल ने बताया अफवाह
दूसरी ओर, तृणमूल जिला अध्यक्ष सुजय हाजरा ने दावा किया है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। यह सब अफवाह है। भाजपा नेता हारने के बाद जनता को मुंह दिखाने लायक नहीं रह गए हैं। इसलिए झूठे आरोप लगाकर टीएमसी को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।