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पहले मुर्ग़ी आयी है या अंडा आया है – बता रहे हैं सरदार मेघराज सिंह, जानिये!

Meghraj Singh
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पूरे विश्व के धर्म एक ही रब अपने भक्तों से बनवाए हैं ।

विश्व के अंदर जितने भी धर्म हैं क्या वह इंसानों ने बनाएँ है या एक रब ने अपने भक्तों से बनवाए हैं आओ जानिए सच क्या है —
विश्व के अंदर अधिकतम लोगों का ऐसा मानना है कि जितने भी धर्म है वह सब के सब इंसानों ने अपनी सहूलियत के लिए बनाए हैं ।
विश्व के अंदर बहुत कम लोग जो अनुभवी ज्ञान वाले होते हैं उनको ही इस बात का पता है कि यह सभी धर्म एक ही रब ने अपने भक्तों से बनवाए हैं हैं ।
विश्व का कोई भी इंसान चाहे वह नास्तिक है आस्तिक है वह यह नहीं कह सकता कि पूरे विश्व के इंसान पेड़ पौधे जीव जन्तुओं एक प्रकृति ने नहीं बनाए हैं ।
विश्व का कोई भी सच्चा और इमानदार इंसान यह नहीं कह सकता के पूरे विश्व के धर्म एक रब ने अपने भक्तों से नही बनवाए हैं ।
पूरे विश्व के इंसान चाहे वह नास्तिक है या आस्तिक है या साधारण है वह यह बात दावे के साथ कह सकते हैं कि पूरे विश्व के जीव जंतु पेड़ पौधे एक प्रकृति के बनाए हुए हैं ।
पूरे विश्व के सच्चे और ईमानदार इंसान भी यह बात दावे के साथ कह सकते हैं कि पूरे विश्व में जितने भी धर्म है वह एक ही रब ने अपने भक्तों से बनवाए हैं ।
मेरा यह सौ प्रतिशत विश्वास है कि जितने भी विश्व के अंदर धर्म है वह सब एक ही रब ने अपने भक्तों से बनवाए हैं —-

जैसे कि उदाहरण के तौर पर—-
जैसे कि पूरे विश्व के अंदर जितने भी इंसान हैं वह पाँच तत्व के बने हुए हैं चाहे वह गोरे हैं काले हैं भूरे हैं पर उन सबको एक ही प्रकृति ने बनाए हैं या रब ने बनाए हैं ।
वैसे ही जब पूरे विश्व के इंसान एक ही रब के बनाए हुए हैं या प्रकृति के बनाए हुए हैं तो इंसानो को सही रास्ता दिखाने वाले धर्म भी एक ही रब ने अपने भक्तों से बनवाए हैं ।
जैसे कि पूरे विश्व के अंदर जितने भी पशु पक्षी हैं उनके आकार अलग अलग है अलग अलग रंग के हैं पर उन सबको एक ही प्रकृति ने बनाए हैं या उन सब को एक ही रब ने बनाए हैं ।

वैसे ही पूरे विश्व के अंदर जितने भी अलग अलग रंग के इंसान हैं उनको निडर और दयावान सुझवान बनाने लिए इस प्रकृति ने बनाए हैं या एक ही रब ने धर्म अपने भक्तों से बनवाए हैं ।

जैसे की पूरे विश्व के अंदर जितने भी अलग अलग रंग के फूल हैं वह सभी के सभी प्रकृति ने बनाए है या रब ने बनाए हैं उन सबका काम पूरे विश्व के जीव जंतुओं को और इंसानों को खुशबु देना है ।

वैसे ही पूरे विश्व के अंदर जितने भी धर्म बने हैं और वह सब एक ही प्रकृति ने बनाए हैं या रब ने अपने भक्तों से बनवाए हैं उन सबका काम सच्चाई और ईमानदारी का मार्ग दिखाकर पूरे विश्व के इंसानों को प्यार की ख़ुशबू देना है ।

जैसे कि पूरे विश्व के अंदर जितने भी पेड़ पौधे हैं सेब के नारियल के तथा अन्य फ्रुट के पेड हैं इन सबको प्रकृति ने बनाए हैं या रब ने बनाए हैं यह सब पेड़ पौधे हैं इंसानों को तथा अन्य जीवों को फल फ़्रूट देकर सुख पहुँचाते हैं ।

वैसे ही जितने भी पूरे विश्व के अंदर धर्म हैं वह सब प्रकृति ने बनाए हैं या रब ने अपने भक्तों से बनवाए हैं उन सबका काम पूरे विश्व के लोगों को इंसानियत मानवता सब्र संतोष देकर सबको सुख पहुँचाना है ।

जैसे कि पानी के अंदर जितने भी जीव जन्तु हैं उन सबके आकार अलग अलग है उनको भी प्रकृति ने ही बनाए हैं या रब ने बनाए हैं वह सब रब के हुकुम में चलकर अपना जीवन सुकून से जीते हैं ।

वैसे ही पूरे विश्व के जितने भी धर्म हैं वह एक रब ने भक्तों से बनवाकर सबको मानवता का पाठ पढ़ाते हैं और सही रूप से जीना सिखाकर पूरे विश्व के लोगों को सुकून पहुँचाते हैं

कुछ महत्वपूर्ण शायरी
जिन लोगों के अंदर झूठ और बेईमानी होगी वह इस प्रकृति के सच को और रब के सच को नहीं पहचान पाएंगे ।
जिन लोगों के अंदर सच और ईमानदारी होगी वही इस प्रकृति के सच को और रब के सच को पहचान पाएंगे ।
जिन इंसानों को गौड अल्लाह वाहेगुरु भगवान यह सब ही एक की शक्ति के कई नाम हैं ऐसा महसूस होने लग जाएगा ।
वही लोग इस बात को समझ सकते हैं कि जन्म देने वाला पालन पोसन करने वाला एक ही रब है इस तत्व ज्ञान को समझ पाएगा ।
जिन इंसानों के अंदर सच ही सच होगा वही इस बात की सही पहचान कर सकते हैं वही पूरे विश्व की इंसानों को एक समान प्यार कर सकता है ।
पूरे ब्रह्मंड के जितने भी जीव जन्तु है यह सब एक ही रब के पैदा किए हुए हैं सच्चा इंसान इस बात की पहचान कर सकता है ।
जो इंसान यह समझेंगे कि पूरे विश्व के धर्म एक ही रब ने अपने भक्तों से बनवाए हैं उनको ही अपने अंदर से परमसुख मिल जाएगा ।
सच्चाई और ईमानदारी के मार्ग पर चलकर ही उनको पूरे ब्रह्मांड को बनाने वाला एक रब अपने अंदर से ही मिल जाएगा ।

नोट —जिन इंसानों के अंदर सच ही सच होगा वही इस सच्चाई को स्वीकार कर सकते हैं कि पुरे विश्व धर्म एक ही रब ने भक्तों से बनवाए हैं।

वॉट्सऐप नंबर+13474754233
(सतयुगी किंग M S Khalsa)

 

Meghraj Singh
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पहले मुर्ग़ी आयी है या अंडा आया है –
इस अनसुलझे रहस्य का गुरू की कृपा से हम ख़ुलासा करने की कोशिश करेंगे जानिए क्या रहस्य है वह—-
पहले मुर्ग़ी आयी है या अंडा आया है इस कहावत को लोग बहुत बार बोलते हैं और मज़ाक भी बनाते हैं पर इस सवाल का जवाब कभी ढूंढने की कोशिश नहीं करते लेकिन आज हम इस सवाल के जवाब को ढूंढने की कोशिश करेंगे ।
कुछ उदाहरणों से समझने की कोशिश करेंगे कि पहले मुर्ग़ी आयी है या अंडा आया है ।
जैसे जब तक इंसान बीज रूप में है तब तक वह शांत भी है और सुरक्षित भी है ।
जैसे जब तक पेड़ पौधे बीज रुप में हैं तब तक वह शांत भी है और सुरक्षित भी है ।
जैसे जब तक पक्षी अंडे के बीज के रूप में है तब तक वह शांत भी हैं और सुरक्षित भी है ।
जैसे जब तक समुद्र का पानी समुद्र में है तब तक वह शांत भी है और सुरक्षित भी है ।

जैसे गिनती एक से शुरू होती है पर उससे पहले ज़ीरो आता है जब तक ज़ीरो बीज रूप में है तब तक वह शांत भी है और सुरक्षित भी है ।

इन उदाहरणों को दूसरे तरीक़े से समझने की कोशिश करते हैं जैसे की —-

जैसे जब इंसान का बीज बच्चे का रूप मे पैदा हो जाता है फिर वह असुरक्षित भी हो जाता है क्योंकि बच्चा पैदा होने के बाद जवान होता है जवान होने के बाद बुढ़ापा आ जाता है फिर वही इंसान का बीज दूसरे इंसान के अंदर जाकर सुरक्षित हो जाता है ।

जैसे जब पेड़ पौधों के बीज धरती के अंदर बोए जाते हैं तब वह पहले पौधे बनते हैं फिर पेड़ बनते हैं फिर वह अंतिम समय में जाकर मर जाते हैं फिर वही पेड़ का बीज दूसरा बीज बनकर सुरक्षित हो जाता है ।

जैसे जब पक्षियों का बीज अंडे के रूप में आ जाता हैं फिर वह पक्षी बन जाते हैं उसके बाद में वह जवान होकर फिर बुढ़ापे में जाकर मर जाते हैं फिर वही पक्षी का बीज दूसरे पक्षी के अंदर जाकर सुरक्षित हो जाता है ।

जैसे जब तक घर समुद्र का पानी समुद्र में है तब तक वह सुरक्षित रहता है जब वह नदियों के द्वारा नहरों के द्वारा बहकर चलता रहता है और अपने आपको असुरक्षित महसूस करता है फिर वही पानी समुद्र में जाकर के मिल जाता है और वहाँ पर सुरक्षित हो जाता है ।

जैसे जब गिनती शुरू होती है तब तक वह ज़ीरो के रूप में है तब तक वह सुरक्षित रहती है जब वह गिनती एक से शुरू हो पर हज़ारों लाखों करोड़ों अरबों खरबों और असंख्य तक पहुँच जाती है फिर भी वही गिनती ज़ीरो पर आकर ही सुरक्षित होती है ।

तो इसलिए सबसे पहले अंडे का बीज वाहेगुरु ने पैदा किया है जिसको लोग प्रकृति ने पैदा किया है ऐसा भी मानते हैं उसके बाद ही मुर्ग़ी पैदा हुई है यानी के अंडे से शुरुआत हुई है या अंडा पहले आया है ।

कुछ महत्वपूर्ण बातें—
जिन इंसानों के अंदर झूठ ही झूठ होगा वह इन बातों को बिलकुल भी नहीं समझ पाएंगे ।
जिन इन्सानों के अंदर थोड़ा सच है थोड़ा झूठ है उनको यह बातें बिलकुल भी समझ नही आएंगी ।
जिन इंसानों के अंदर सच ही सच होगा उनके अंदर अनुभवी ज्ञान होगा अनुभवी ज्ञान वाले इंसान ही इन बातों को समझ पाएंगे ।
नोट—यह मेरा निजी अनुभव है मेरे गुरू ने जितना मुझे ज्ञान दिया है उसके हिसाब से मैंने अपने अनुभव को आप लोगों के सामने रख दिया क्योंकि गुरुनानक साहिब जी आप रब के बारे में ख़ुलासा करते हैं कि रब पहले शून्य रूप था उसके बाद रब ने अपना ख़ुद का प्रकाश ख़ुद किया और फिर उसने यह सारा ब्रह्माण्ड बनाया इसीलिए हम अंडे के बीज को ही जड़ मान रहे हैं कि यानी के अंडा ही सबसे पहले आया था ।
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