दुनिया

पाकिस्तानी सेना ने अफ़ग़ानिस्तान को अंजाम भुगतने की धमकी दी, आतंकवादी गुट दाइश तालेबान का भाई है : रिपोर्ट

पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि इस देश में होने वाले आतंकवादी हमलों में अफगान नागरिकों का हाथ है। साथ ही उसने इन हमलों के परिणामों के प्रति चेतावनी दी है।

पाकिस्तानी सेना ने एक बयान जारी करके एलान किया है कि इस देश की सशस्त्र सेनाओं को अफगानिस्तान में तहरीके तालेबान के सुरक्षित ठिकानों पर गम्भीर चिंता है और तालेबान की सरकार का आह्वान करती है कि वह दोहा समझौते का पालन करे।

ज्ञात रहे कि दोहा समझौते के अंतर्गत तालेबान इस बात के प्रति कटिबद्ध हुआ है कि वह अफगानिस्तान की भूमि के प्रयोग की अनुमति किसी भी पड़ोसी देश के खिलाफ नहीं देगा। इसी प्रकार पाकिस्तान की सेना ने बल देकर कहा है कि इस देश में होने वाले आतंकवादी हमलों में अफगान नागरिकों की भूमिका है और यह वह विषय है जिस पर काबुल सरकार को ध्यान देना चाहिये।

इसी प्रकार पाकिस्तानी सेना ने इस प्रकार के हमलों के जवाब के बारे में चेतावनी देते हुए कहा कि इस प्रकार के हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और पाकिस्तानी सुरक्षा बल करारा जवाब देंगे।

ज्ञात रहे कि अभी पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत में सेना की एक चौकी पर हमला हुआ था जिसके नतीजे में 12 पाकिस्तानी सैनिक मारे गये थे। अभी कल शुक्रवार को पाकिस्तानी विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज़ ज़हरा बलोच ने नेशन समाचार पत्र के साथ एक साक्षात्कार में कहा था कि काबुल सरकार को चाहिये कि वह आतंकवादी गुटों से मुकाबला करने और अपनी भूमि का पाकिस्तान के खिलाफ प्रयोग न होने के अपने वचनों पर अमल करे।

पाकिस्तानी सरकार के यह दावे एसी स्थिति में सामने आ रहे हैं जब अफगानिस्तान में तालेबान की वर्तमान सरकार ने कहा है कि इस देश की भूमि का प्रयोग किसी भी पड़ोसी देश के खिलाफ नहीं होगा।

आतंकवादी गुट दाइश तालेबान का भाई हैः डॉन

पाकिस्तान के समाचार पत्र डॉन ने इस देश में होने वाले हालिया हमले की ओर संकेत करते हुए दावा किया है कि तालेबान के ऑडियालॉजिकल भाई पाकिस्तान के खिलाफ और अधिक हमले कर सकते हैं।

इस समाचार पत्र ने लिखा कि जारी वर्ष के केवल आरंभिक लगभग तीन महीनों में पाकिस्तान की सुरक्षा तंत्र के 267 कर्मी मारे गये। पाकिस्तान की सुरक्षा अध्ययन केन्द्र ने अपनी रिपोर्ट में अफगानिस्तान की जेलों से दाइश के कम से कम 60 आतंकवादियों के आज़ाद किये जाने पर चिंता जताई और कहा कि रिहा किये गये तत्व पाकिस्तान में दाखिल हो गये हैं और पेशावर में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमलों में इस आतंकवादी गुट का हाथ है।

इसी बीच पाकिस्तानी विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज़ ज़हरा बलोच ने एक प्रेस कांफ्रेन्स में अफगानिस्तान की सरकार को संबोधित करते हए कहा है कि पाकिस्तान में आतंकवादियों के प्रवेश को रोकिये। यह उस हालत में है जब अफगानिस्तान की सरकार ने इस प्रकार के दावे का हमेशा खंडन किया है और बल देकर कहा है कि अफगानिस्तान की भूमि का प्रयोग किसी भी देश के खिलाफ नहीं होगा।

अफगान सरकार के प्रवक्ता के सहायक बेलाल करीमी ने पिछले सप्ताह अफगानिस्तान के लिए पाकिस्तान के विशेष प्रतिनिधि आसिफ दुर्रानी के बयान की प्रतिक्रिया में कहा था कि हम अतिक्रमण पर चुप नहीं बैठेंगे।

इसी प्रकार उन्होंने कहा था कि हम किसी भी व्यक्ति या गुट को पड़ोसियों के खिलाफ अफगानिस्तान की भूमि के प्रयोग की अनुमति नहीं देंगे। इसी प्रकार उन्होंने कहा था कि अफगानिस्तान एक स्वतंत्र व आज़ाद देश है और अफगानिस्तान पर हर प्रकार का अतिक्रमण निंदनीय है और उसके संबंध में हम खामोश नहीं बैठेंगे।