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पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान ने स्वीडन में पवित्र क़ुरआन के अनादर की कड़े शब्दों में निंदा की!

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और अफ़ग़ानिस्तान के अधिकारियों ने स्वीडन में पवित्र क़ुरआन के अनादर की कड़े शब्दों में निंदा की है।

शहबाज़ शरीफ़ ने सोमवार को एक बयान जारी करके कहा है कि स्वीडन में पवित्र क़ुरआन का अनादर, मुसलमानों की घार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने के षडयंत्र का भाग है। उन्होंने सवीडन के अतिवादियों की कार्यवाही को लज्जाजनक और अस्वीकारीय बताया।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के अनुसार अति दक्षिणपंथी गुटों द्वारा पवित्र क़ुरआन का अनादर महापाप है। इसी संदर्भ में पाकिस्तान के विदेशमंत्रालय ने एक बयान जारी किया गया है। इस बयान में विश्व समुदाय से मांग की गई है कि लोग एकजुट होकर इस्लामोफोबिया, पलायनकर्ताओं के विरुद्ध हिंसा का शांतिपूर्ण ढंग से मुक़ाबला करें।

इसी बीच तालेबान के नेता अनस हक़्क़ानी ने कहा कि पवित्र क़ुरआन का अनदार वास्तव में दो अरब मुसलमानों की बेइज़्ज़ती है। उन्होंने कहा कि अगर आज़ादी असीमित हो तो फिर कोई भी सुरक्षित नहीं रह पाएगा। अफ़ग़ानिस्तान के वित्तमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी डाक्टर अब्दुल्लतीफ ने ट्वीट किया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर मुसलमानों के विरुद्ध हिंसा, इस्लामी दृष्टि से निंदनीय काम है।

स्वीडेन के पुलिस प्रवक्ता ने बताया है कि स्टाकहोम में तुर्किये के दूतावास के सामने पवित्र क़ुरआन का अनादर करने के लिए एक अतिवादी गुट को अनुमति दी गई थी। इस घटना के बाद पूरी दुनिया से मुसलमानों की तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। स्वीडन में एक बार फिर पवित्र क़ुरआन के अनादर पर इस्लामी जगत ने बहुत ही कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की हैं।