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पाकिस्तान के डिफ़ॉल्ट होने का ख़तरा : पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ़्ताह इस्माइल

पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ़्ताह इस्माइल ने कहा है कि आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान जिस ओर बढ़ रहा है, उससे देश के डिफ़ॉल्ट होने का ख़तरा है. उन्होंने पाकिस्तान की मौजूदा सरकार से हालात से निबटने के लिए रचनात्मक क़दम उठाने की मांग की है.

पाकिस्तान की जीओ न्यूज़ से बात करते हुए उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को डिफ़ॉल्ट नहीं करना चाहिए. लेकिन मुझे लगता है कि जिस राह पर हम हैं, हमारे सामने एक आर्थिक चैलेंज हैं और हमारे डिफ़ॉल्ट करने की आशंका है. इस ख़तरे से बचने के लिए हमें क़दम उठाने होंगे.”

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Former finance minister and Pakistan Muslim League-Nawaz (PML-N) leader Miftah Ismail has asserted that Pakistan’s risk of default has increased, urging the government to take steps to avert the looming threat.

 

उन्होंने कहा कि डिफ़ॉल्ट का ख़तरा आईएमएफ़ की नौवें रिव्यू तक कायम रहेगा.

पाँच महीने तक पाकिस्तान के वित्त मंत्री रहे इस्माइल के मुताबिक़, “पाकिस्तान की हालत बहुत ख़राब है और जब तक आईएमएफ़ वापस नहीं आता है, ये डर बना रहेगा.”

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ये हालत पिछली सरकारों के कारण हैं और डिफ़ॉल्ट के क़रीब ले जाने वाले इमरान ख़ान हैं.

उन्होंने कहा, “जब हम पीएम शहबाज़ शरीफ़ के नेतृत्व में आईएमएफ़ के कार्यक्रम को वापस पटरी पर लाना चाहते थे, ख़ान ने उनसे किया अपना वादा तोड़ा.”

पाकिस्तान ने इस महीने की शुरुआत में ख़ुद को डिफ़ॉल्ट होने से बचाया जब स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने सुकुक बॉन्ड के लिए एक अरब डॉलर का भुगतान किया.

लेकिन तब से, दो दिसंबर तक विदेशी मुद्रा भंडार 10.45% गिरकर 6,714.9 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया है, जो कि चार साल में सबसे कम है.

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 1% तक पहुंच गया है, जबकि आईएमएफ के साथ सहमति के अनुसार इसे 0.7% होना चाहिए था.

हालांकि, जीओ न्यूज़ के मुताबिक वित्त और राजस्व मंत्री इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान डिफ़ॉल्ट नहीं करेगा क्योंकि यह सही दिशा में चल रहा था.