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पाकिस्तान : मरने वालों की संख्या 47 हुई, सैंकड़ों ज़ख़्मी : इमरान ख़ान की पार्टी को आतंकवादी संगठन घोषित करने की तैय्यारी : रिपोर्ट

इमरान की गिरफ़्तारी के बाद पहली बार बोले पीएम शरीफ़, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना आतंकवाद

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी के बाद पहली बार वहां के पीएम शहबाज़ शरीफ़ ने बयान जारी किया है.

पीटीवी पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “पाकिस्तान का राजनीतिक इतिहास बहुत तल्ख़ रहा है. राजनीतिक दलों ने इतिहास से सबक सीखा है और सियासी इंतेकाम को दफ़्न करके नया इतिहास लिखा है. इसे लोकतंत्र कहते हैं.”

“11अप्रैल को हमने जब सरकार की ज़िम्मेदारी संभाली तो इसके बाद बदनुमा और ज़ुल्म करने वाला तरीका इख़्तियार नहीं किया,जो इमरान नियाज़ी ने अपने चार साल के दौर में सियासी विरोधियों के ख़िलाफ़ अपनाया था.”

“आपको याद होगा कि बीते चार सालों में केस नहीं फेस देखा जाता था,यानी मुक़दमा नहीं,चेहरा देखा जाता था कि किसे जेल भेजना है और किसे राहत देनी है.सरकार के मंत्री एक दिन पहले ऐलान कर देते थे कि विपक्ष का फलां लीडर कल गिरफ़्तार हो जाएगा,वो अगले दिन गिरफ़्तार हो जाता था.”

“इमरान नियाज़ी ये कहते थे कि कल एक और विकेट गिरने वाली है और वो विकेट गिर जाती थी. संसद की पहली दो क़तारों में बैठने वाले तमाम नेता जेलों में क़ैद थे. सिर्फ़ आरोप लगाने पर ही गिरफ़्तारी हो जाती थी,कोई इस पर ध्यान देने वाला नहीं था.”

उन्होंने कहा, “सरकारी संपत्तियों को नुक़सान पहुंचाना दहशतगर्दी है. ये याद रखा जाना चाहिए कि ताक़तवर और कमज़ोर सभी क़ानून के बराबर हैं.”

‘हिंसा करने वालों को मिलेगी सख्त सज़ा’

उन्होंने आगे कहा, “हम इमरान की गिरफ़्तारी पर ख़ुशी का इज़हार नहीं कर सकते. ये ज़िंदगी का एक सख़्त दौर होता है जिससे हम कई बार गुज़र चुके हैं.

मंगलवार को हुई हिंसा की ओर इशारा करते हुए पीएम शरीफ़ ने कहा, “आंखों ने पाकिस्तान के 75 साल के इतिहास में ऐसे मंज़र कभी नहीं देखे थे. लोगों को एंबुलेंस से निकालकर गाड़ियों में आग लगा दी गई. निजी गाड़ियों को जला दिया गया. सरकारी संपत्ति पर दुश्मन की तरह हमले किए गए.”

“उन्होंने पूरे देश के दिल को जख़्मी किया है और ये दहशतगर्दी अब भी जारी है. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इमरान नियाज़ी की गिरफ़्तारी का नोटिस लिया है और अपने फ़ैसले में इसे क़ानूनी बताया है.”

“ये इस बात का सबूत है कि नैब क़ानून के मुताबिक़ कार्रवाई कर रहा है. मैं पाकिस्तान के लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने पीटीआई के रवैये को ख़ारिज किया है और संविधान और क़ानून का साथ दिया है. मैं पुलिस और क़ानून व्यवस्था लागू करने वाले सभी संस्थानों का शुक्रिया किया.”

“उन्होंने शांती बनाये रखी और गोलिया बरसाते जत्थों से जनता को सुरक्षित रखा. मैं इन देश के दुशमन लोगों को ख़बरदार करता हूं कि वो देश विरोधी गतिविधियां तुरंत बंद करे वरना क़ानून हाथ में लेने वाले हिंसक लोगों को सख़्त सज़ा दी जाएगी.”

“पाकिस्तान राष्ट्र और उसकी विचारधारा की सुरक्षा करना हमें अपनी जान से भी ज़्यादा प्यारी है और हम किसी को देश के ख़िलाफ़ साज़िश नहीं करने देंगे और ना ही उनके मंसूबों को कामयाब होने देंगे.”

पाकिस्तान: मरने वालों की संख्या 47 हुई, पंजाब के बाद ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह में भी सेना बुलाई गई

पाकिस्तान में इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी के बाद हो रही हिंसा में मरने वालों की संख्या 47 हो गई है.

इमरान खान की पार्टी ने मरने वालों की संख्या बताई है
ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह के कार्यवाहक मुख्यमंत्री मोहम्मद आज़म ख़ान की अध्यक्षता में की गई समीक्षा बैठक में देश और प्रांत में सुरक्षा हालात का जायज़ा लिया गया.

कैबिनेट की बैठक में प्रांत में अफ़रा-तफ़री के माहौल को देखते हुए सेना को बुलाने की मंज़ूरी दे दी गई.

कार्यवाहक सूचना प्रसारण मंत्री फ़िरोज़ जमाल काकाखेल का कहना था कि मौजूदा हालात के मद्देनज़र प्रांत में हालात को और ख़राब होने से बचाने के लिए सेना को बुलाने का फ़ैसला लिया गया है.

प्रांतीय सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत संघीय सरकार से सेना को क़ानून व्यवस्था संभालने के लिए तैनात करने की सिफ़ारिश की है.

मंत्री का कहना था कि, “बीते दिन से प्रांत के कई ज़िलों में प्रदर्शनकारियों ने हिंसक प्रदर्शन किया और सरकारी संपत्तियों के अलावा संवेदनशील सुविधायों को भी नुक़सान पहुंचाया गया है जो किसी भी क़ीमत पर स्वीकार्य नहीं है.”

अपने बयान में सूचना प्रसारण मंत्री ने कहा कहा कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन नागरिकों का अधिकार है लेकिन क़ानून के उल्लंघन, सरकारी सेवाओं को नुक़सान पहुंचाये जाना समझ से बाहर है.

उन्होंने कहा कि कार्यवाहक कैबिनेट हिंसक प्रदर्शनों की आलोचना करती है और यही वजह है कि सूबे को और नुक़सान से बचाने के लिए सेना को बुलाना पड़ रहा है.

इसके अलावा इस्लामाबाद पुलिस के प्रवक्ता का कहना है कि इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सेक्टर जे 11 में रमना थाने को आग लगा दी है जबकि एक बख़्तरबंद गाड़ी को भी जला दिया गया है.

पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारियों की तरफ़ से फ़ायरिंग भी की जा रही है. पुलिस ने आम नागरिकों से घरों के भीतर रहने की अपील भी की है.

प्रवक्ता का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने निजी गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की है. पुलिस ने आम लोगों को बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है.

पुलिस का कहना है कि शहर में हिंसा रोकने के लिए सेना को बुला लिया गया है और सैन्य दस्ते अलग-अलग इलाक़ों में पहुंच रहे हैं.

पुलिस की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया है कि पुलिस, रेंजर और सेना अलग-अलग इलाक़ों में क़ानून व्यवस्था संभाल रही है.

प्रदर्शनकारियों को हिंसा रोकने की चेतावनी भी जारी की गई है. इसी बीच पंजाब प्रांत में सभी शिक्षण संस्थानों को दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है.

इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी के बाद सेना का पहला बयान

पाकिस्तानी सेना ने चेतावनी दी है कि अगर उनपर या उनके किसी प्रतिष्ठान पर फिर से हमला होता है, तो वो इसका ‘कड़ा जवाब देंगे’. सेना के जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ में कहा गया है कि 9 मई को एक काले अध्याय की तरह याद किया जाएगा.

प्रेस रिलीज़ में कहा गया, “पीटीआई के चेयरमेन इमरान ख़ान को कल इस्लामाबाद हाईकोर्ट से गिरफ़्तार किया गया. इसकी जानकारी नैब ने दी. इसके तुरंत बाद, सेना की संपत्तियों और प्रतिष्ठानों पर संगठित हमले किए गए और सेना के विरोध में नारे लगाए गए.”

“एक तरफ़ ये असमाजिक तत्व अपने सीमित और स्वार्थी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जनभावनाओं को भड़काते हैं, वहीं दूसरी ओर जनता की आंखों में धूल झोंकते हुए देश के लिए सेना के महत्व को उजागर करते नहीं थकते.”

“ये पाखंड का उदाहरण है. 75 सालों तक देश के शत्रु जो नहीं कर सके, सत्ता की लालच में राजनीतिक चोला पहन इस समूह ने कर दिया है.”

“सेना ने देश के व्यापक हित में अपनी प्रतिष्ठा की परवाह न करते हुए अत्याधिक धैर्य और संयम का परिचय दिया है. उन्होंने सेना को उकसाया, ताकि सेना प्रतिक्रिया दे और फिर उस प्रतिक्रिया वो अपने नापाक राजनीतिक इरादों के लिए इस्तेमाल करें. लेकिन सेना की परिपक्व प्रतिक्रिया ने इस साजिश को विफल कर दिया.”

“हम सभी इस बात से वाकिफ़ हैं कि ये सब एक पार्टी के कुछ दुष्ट नेताओं इशारे पर हुआ और इसकी योजना पहले ही बना ली गई थी”

“इनके सूत्रधार, योजनाकार और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की पहचान कर ली गई है और उनके ख़िलाफ़ क़ानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी और ये सभी असमाजिक तत्व अब परिणामों के लिए ज़िम्मेदार होंगे.”

“सभी क़ानूनी एजेंसियों, सैन्य और राज्य प्रतिष्ठानों और संपत्तियों सहित सेना पर किसी भी हमले का उस समूह द्वारा कड़ा जवाब दिया जाएगा जो पाकिस्तान को गृहयुद्ध में धकेलना चाहता है और राज्य पर बार-बार हमला करता रहा है. किसी को भी लोगों को भड़काने और क़ानून अपने हाथ में लेने की इजाज़त नहीं दी जा सकती.”

मंगलवार को इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी के बाद रावलपिंडी में सेना के हेडक्वार्टर के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया.