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…क्या यें सत्ताओं को तमाचा नही है…!! हल्कू आज भी ज़िन्दा है !!….By-योगेश धाकरे चातक
योगेश धाकरे चातक Lives in Alirajpur ============ · पूस की रात कहानी प्रेमचंद द्वारा आदर्शान्मुख यथार्थवाद के रास्ते को छोड़ कर यथार्थवादी रास्ते की घोषणा करती है। अभाव और वेदनाओं के अनछुये पहलुओं को भी छूआ है आज के परिवेष मै “चातक” का आकलन….क्या यें सत्ताओं को तमाचा नही है…समीक्षार्थ !! हल्कू आज भी जिन्दा है […]
मत करो घमंड इतना कि मैं किसी को खिला रहा हूँ…क्या पता हम खुद किसके भाग्य से खा रहे हैँ!
Apna mohalla-अपना मोहल्ला ======== एक रेस्टोरेंट में कई बार देखा गया कि, एक व्यक्ति (भिखारी) आता है और भीड़ का लाभ उठाकर नाश्ता कर चुपके से बिना पैसे, दिए निकल जाता है। एक दिन जब वह खा रहा था तो एक आदमी ने चुपके से दुकान के मालिक को बताया कि यह भाई भीड़ का […]
*कौन सा पति ख़रीदूँ…?**“पति ख़रीदने के लिए निम्न शर्ते लागू”*
डॉ मिथिलेश गौतम केकड़ी ========== *कौन सा पति खरीदूँ…?* शहर के बाज़ार में एक बड़ी दुकान खुली जिस पर लिखा था – *“यहाँ आप पतियों को ख़रीद सकती है |”* देखते ही देखते औरतों का एक हुजूम वहां जमा होने लगा. सभी दुकान में दाख़िल होने के लिए बेचैन थी, लंबी क़तारें लग गयी.दुकान के […]