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पी चिदंबरम ने मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर राज्य और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा, पीएम कब जनता से शांति बनाने की अपील करेंगे!

कांग्रेस ने मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आखिर कब राज्य में हो रही हिंसाओं पर बोलंगे। पीएम कब जनता से शांति बनाने की अपील करेंगे। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि कर्नाटक में डबल इंजन सरकार फेल हो गई। भाजपा को कर्नाटक की जनता ने दरवाजा दिखाया है।

केंद्रीय मंत्री का घर भी फूंका
पी चिदंबरम ने शुक्रवार को ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक इंजन (राज्य सरकार) का तो फ्यूल ही खत्म हो गया। वहीं दूसरे इंजन (केंद्र सरकार) ने खुद को अलग कर लिया है और लोको शेड में छिपा हुआ है। सीएम बीरेन सिंह ने राज्य के सभी वर्गों का विश्वास खो दिया है। वहीं पीएम मोदी तो मणिपुर के लोगों से बात ही नहीं करना चाहते और न ही वे जनता से शांति की अपील कर रहे हैं। राज्य में पिछले डेढ़ महीने से हिंसा जारी है। लेकिन पीएम न तो वहां गए और न ही उन्होंने इस पर एक शब्द कहा। वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन सिंह का घर भी प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। बावजूद इसके प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा।

लोगों ने न्यायाधिकरण बनाने का किया आग्रह
मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष के कारण कई समूहों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्थिति सामान्य करने के लिए अदालत की निगरानी में न्यायाधिकरण बनाने का आग्रह किया है। उन्होंने प्रभावित लोगों के लिए वित्तीय मुआवजे की मांग की है। कुकी समुदाय ने कुकी कैदियों की सुरक्षा पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखा है। उनसे हस्तक्षेप की मांग की है। जॉर्ज टी हाओकिप ने दावा किया कि मणिपुर में जेल के कैदियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। पत्र में अमानवीय व्यवहार और संभावित खतरों का भी जिक्र है।

कैसे शुरु हुई हिंसक झड़पें
मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में तीन मई को पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए गए थे। जिसके बाद राज्यभर में झड़पें शुरू हो गई थीं। हिंसा से पहले कुकी समुदाय के ग्रामीणों को आरक्षित वन भूमि से बेदखल करने को लेकर तनाव पैदा हो गया था, जिसके कारण लगातार कई छोटे आंदोलन हुए थे। मणिपुर की आबादी में मैतई समुदाय की हिस्सेदारी करीब 53 फीसदी है। ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी – नागा और कुकी – आबादी का 40 फीसदी हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं।