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पुजारी ने महिला को नंगा किया फिर गुप्तांगों समेत आगे, पीछे, ऊपर, नीचे हर जगह पूरे बदन पर “तेल” लगाया…वीडियो भी देख ही लें!

Ali Sohrab
@007AliSohrab
विशेष पूजा बोल हिंदू पुजारी महिला को नंगा किया फिर गुप्तांगों समेत आगे, पीछे, ऊपर, नीचे हर जगह पूरे बदन पर “तेल” लगाया…
पीड़िता का कहना है कि “पंडित जी ने मुझसे प्यार से कहा कि ऊपर के कपड़े उतारो फिर सीने में तेल लगाया, फिर नीचे, फिर पीछे तेल लगाया”

Sudha sahu
@Sudhasahu12
इनके पास कोई शिकायत नही है ईश्वर से , न कोई बहाना है, की पति अंधा है, पत्नी दोनों पैर से दिव्यांग है…!

फिर भी शान से जी रहे है, दोनों एक दूसरे का सहारा बने है, कोई तलाक नही, यहाँ तो करोड़ो रूपये होकर भी लोग तलाक ले रहे है….!!

ये तस्वीर दो प्रेरणा दे रही है, एक जीने के लिए बहाना नही समाधन खोजो, और दूसरा आभाव में भी जीवनसाथी का साथ कभी नही छोड़ो..!!

डिस्क्लेमर : ट्वीट्स में लेखक के निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है

‘ज़िवामी’ से महिलाओं के डेटा की कथित हैकिंग को कैसे सांप्रदायिक रंग दिया गया?

वीडियो: राजस्थान के एक शख़्स- संजय सोनी ने महिलाओं के अंतर्वस्त्र बेचने वाली कंपनी ‘ज़िवामी’ से कथित तौर पर 15 लाख महिलाओं के निजी डेटा के लीक होने का दावा करते हुए कहा था कि वेबसाइट से केवल हिंदू महिलाओं का डेटा हैक कर मुस्लिमों से साझा किया गया. बाद में सोनी को ही डेटा हैकिंग आरोप में गिरफ़्तार किया गया. आरोप यह भी है कि उसने कंपनी को डेटा लीक करने की धमकी देकर पैसे ऐंठने का प्रयास भी किया था.

कोविन ऐप से नागरिकों का निजी डेटा लीक होने समेत अन्य ख़बरें

भारत सरकार द्वारा कोविड-19 टीकाकरण की बुकिंग के लिए बनाए गए कोविन ऐप पर अपलोड की गई नागरिकों की निजी जानकारी टेलीग्राम ऐप पर डालने की खबर सामने आई है. मलयाला मनोरमा के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति का मोबाइल नंबर टेलीग्राम पर डाला जाता तो रिप्लाई बॉट (Reply bot) फ़ौरन उसके द्वारा कोविन ऐप पर दिए गए निजी विवरण जैसे आधार, पासपोर्ट या पैन कार्ड की जानकारी मुहैया करा देता. साथ ही, इसमें व्यक्ति का जेंडर, जन्मतिथि और उन्होंने कहां वैक्सीन ली, यह जानकारी भी थी. हालांकि, सरकार ने डेटा लीक से इनकार किया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन ख़बरों को ‘निराधार और शरारतपूर्ण’ बताते हुए कहा है कि मंत्रालय का कोविन पोर्टल डेटा प्राइवेसी के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ पूरी तरह से सुरक्षित है.

मणिपुर में कुकी नेताओं ने केंद्र द्वारा गठित शांति समिति में मुख्यमंत्री को शामिल करने का विरोध करते हुए इसके बहिष्कार की बात कही है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक,अधिकांश कुकी नेताओं ने कहा कि वे समिति का बहिष्कार करेंगे, क्योंकि इसमें मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और उनके समर्थक शामिल हैं. वे इस बात से खुश नहीं हैं कि सिंह को उनकी सहमति के बिना समिति में शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री पर सब कुछ छोड़ने के बजाय केंद्र को समिति का हिस्सा होना चाहिए. ज्ञात हो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मणिपुर में विभिन्न जातीय समूहों के बीच शांति स्थापित करने के लिए गठित समिति की अध्यक्षता राज्यपाल अनुसुइया उइके करेंगी.

अयोध्या में जहां ‘भव्य’ राम मंदिर के उद्घाटन की तारीखें तय की जा रही हैं, वहीं शहर के धन्नीपुर क्षेत्र में मुस्लिम पक्ष को मिली वैकल्पिक ज़मीन पर प्रस्तावित ‘मस्जिद-ए-अयोध्या’ की बस नींव रखी जा सकी है. द वायर हिंदी में प्रकाशित कृष्ण प्रताप सिंह की रिपोर्ट बताती है कि मस्जिद निर्माण का ज़िम्मा संभाल रहा इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन नक़्शा पास कराने की जद्दोज़हद, सरकारी प्रक्रियाओं और धन की कमी से जूझ रहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में दो-पहिया टैक्सी सेवाओं पर रोक को जारी रखा है. नवभारत टाइम्स के मुतबिक, इस साल फरवरी में दिल्‍ली सरकार ने बिना लाइसेंस दोपहिया टैक्सी सेवाएं चलने की बात कहते हुए दिल्‍ली में बाइक टैक्‍सी पर रोक लगा दी थी. इसके खिलाफ टैक्सी कंपनी- रैपिडो और उबर हाईकोर्ट में पहुंचे थे. उनकी मांग थी कि जब तक दिल्‍ली सरकार नीति नहीं बनाती, तब तक उन्‍हें बिना लाइसेंस काम करने दिया जाए. हाईकोर्ट ने सरकार के आदेश पर स्टे देते हुए कहा था कि कंपनियां अपनी सेवाएं जारी रखें और सरकारी नीति बनने तक कंपनियों के खिलाफ कोई सख्त कदम न उठाया जाए. केजरीवाल सरकार इसके खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंची थी, जिसने सोमवार को हाईकोर्ट के आदेश को पलटते हुए कहा कि नीति बनने तक दोपहिया टैक्सी काम नहीं कर सकतीं.