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पुलिस की मिलीभक्त से हुई तिहाड़ जेल में टिल्लू ताजपुरिया की हत्या : लोग घर में, सड़क पर, सफ़र में, पुलिस सुरक्षा में, जेल में भी सुरक्षित नहीं : हत्या के ख़ौफ़नाक वीडियो

मौत आपका हर जगह पीछा कर रही है, लोग घर में सुरक्षित नहीं, सड़क पर सुरक्षित नहीं, सफर में सुरक्षित नहीं, पुलिस की सुरक्षा में सुरक्षित नहीं, हद तो ये है कि देश की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जेल में भी आदमी सुरक्षित नहीं, देश के अंदर जो हालात बने हुए हैं उन पर सवाल उठाने वाले सुरक्षित नहीं, ये सब जो हो रहा है वो न्याय वयवस्था के ख़त्म होने से हो रहा है, जिस देश/समाज में क़ानून और न्याय की व्यवस्था नहीं रहती हैं वहां पर जंगल का राज क़ायम हो जाता है, देश की अदालतों ने पिछले समय में किस तरह से काम किया है ये सब जानते हैं, न्यायलय की बिगड़ी स्थित की वजह से देश की हालात बदहाल हो गयी है

 

 

टिल्लू ताजपुरिया हत्याकांड में जेल प्रशासन ने लापरवाही बरतने के आरोप में सात जेल कर्मियों को निलंबित कर दिया है, जबकि तमिलनाडु पुलिस के नौ जवानों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए वहां के कमांडेंट को पत्र लिखा है। इसके अलावा इन सभी नौ पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के तहत आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया है। जेल अधिकारी ने बताया कि विभागीय जांच में दोषी पाए जाने के बाद इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकती है।

जेल अधिकारियों ने बताया कि जेल संख्या आठ-नौ के दो सहायक अधीक्षक, एक हेड वार्डर व चार वार्डर की लापरवाही सामने आई है। जांच में सामने आया कि घटना के दौरान ये लोग वहां मौजूद नहीं थे। इन सभी को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही विभागीय जांच की जा रही है।

 

 

कैदियों को काबू करने के लिए डंडे के अलावा अन्य सामग्री देने पर विचार
अधिकारियों ने बताया कि जेल की सुरक्षा में तैनात तमिलनाडु पुलिस व वार्डर, हेड वार्डर के पास केवल डंडा होता है। ऐसे में अब जेल प्रशासन इस बात पर विचार कर रहा है कि सुरक्षाकर्मियों के पास डंडे के अलावा भी कुछ ऐसा हो, जिससे वह कैदियों को काबू कर सकें।

फुटेज लीक होने की होगी जांच
टिल्लू हत्याकांड का वीडियो लीक होने से जेल प्रशासन परेशान है। वह वीडियो लीक होने की जांच करवाएगी। जेल प्रशासन की ओर से दिल्ली पुलिस के मुखिया को पत्र लिखा जाएगा ताकि दिल्ली पुलिस उस शख्स का पता लगाए जिसने फुटेज लीक की है। मामले की जांच के दौरान दिल्ली पुलिस के पास भी जेल की फुटेज मौजूद है। ऐसे में अब पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि फुटेज जेल से या फिर दिल्ली पुलिस की ओर से लीक किया गया है

 

 

देश की सबसे सुरक्षित कही जाने वाली जेल तिहाड़ में जिस तरह से एक के बाद एक हत्याएं और अपराधियों को सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं उससे तो यह कहना बिल्कुल सही नहीं होगा कि तिहाड़ कही से भी सुरक्षित है। खासतौर पर गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के दो सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद से तिहाड़ की सुरक्षा पर बड़ा दाग लगा है। टिल्लू की हत्या ने तिहाड़ जेल की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े किए हैं। गिरोह में रंजिश के बावजूद उन्हें एक ही जेल में रखना, सीसीटीवी कैमरों के बीच कैदियों का सरिये से सुए तैयार कर लेना और फिर बिल्कुल बेखौफ होकर हाई सिक्योरिटी सेल में टिल्लू की हत्या तिहाड़ प्रशासन पर लापरवाही बरते जाने की पोल खोलती है।

टिल्लू की हत्या में शामिल रहे ये चार बदमाश
-योगेश उर्फ टुंडा (27) निवासी भट्ट गांव, सोनीपत
-दीपक उर्फ तितर (27) निवासी माजरा, डबास गांव
-रियाज खान (39) निवासी जेजे कैंप, समयपुर बादली
-राजेश उर्फ करमवीर (42) निवासी कंझावला रोड, बवाना

दूसरे सीसीटीवी फुटेज में खंभे की तरह खड़ी दिख रही पुलिस
दो मिनट से ज्यादा के सीसीटीवी फुटेज में नजर आ रहा है कि चार लोग जिसमें दो पुलिस की वर्दी में हैं वो घायल टिल्लू को चादर पर डालकर उसे घसीटे हुए बैरक से बाहर लाते हैं। दूसरी तरह से लाल रंग की पैंट पहने दीपक उर्फ तीतर दूसरे बैरक से बाहर निकलता है खून से लथपथ टिल्लू पर फिर से सूए से हमला करता है। इस बीच वहां मौजूद कोई भी पुलिसकर्मी उसे रोकने की हिम्मत नहीं करता है। जब सूआ घोंपकर उसका जी भर जाता है तो वह टिल्लू के मुंह पर एक लात मारता है।

प्रिंस तेवतिया की हत्या के बाद भी सबक नहीं
तिहाड़ में लॉरेंस बिश्नोई के साथी प्रिंस तेवतिया की हत्या के बाद भी जेल प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। बीते मंगलवार को जेल में टिल्लू की हत्या इस बात की पुष्टि कर रही है। इन हत्याओं से यह बात जाहिर होती है कि जेल कर्मियों का कैदियों पर कोई अंकुश नहीं है। कैदी आसानी से वारदात कर रहे हैं। प्रिंस के मामले में भी देखा गया कि जिन हमलावरों ने उस पर हमला किया था, वे भी विरोधी गिरोह के बदमाश थे और एक ही जेल में बंद थे।

वीडियो कॉफ्रेंसिंग से हो रही थी पेशी
सूत्रों का कहना है कि रोहिणी कोर्ट में जितेंद्र गोगी की हत्या के बाद बाद ही टिल्लू पर हमले व जान को खतरा होने के इनपुट मिलने लगे थे। टिल्लू रोहिणी जेल में था। रोहिणी जेल में गोगी गिरोह के बदमाशों की संख्या 40 से ज्यादा हो गई थी। ऐसे में तिहाड़ प्रशासन को लगा कि रोहिणी जेल में टिल्लू की जान को खतरा है। इसे देखते हुए टिल्लू को कुछ दिन पहले ही तिहाड़ लाया गया था। टिल्लू पर हमले को देखते हुए उसे पिछले वर्ष से ही कोर्ट में पेश नहीं किया जा रहा था। वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए उसकी कोर्ट में पेशी कराई जा रही थी। हालांकि, मेडिकल जांच के लिए गुप्त तरीके से अस्पताल ले जाया जाता था। अब तिहाड़ प्रशासन लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों की पहचान करने में जुटी है।

पहले प्रिंस तेवतिया, अब टिल्लू ताजपुरिया…19 दिन…तिहाड़ जेल में 2 गैंगवार और 2 गैंगस्टरो की हत्या..

देश के हाई सिक्योरिटी जेल मानी जाने वाली तिहाड़ जेल में फिर गैंगवार हुआ। गैंगवार में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या कर दी गई. तिहाड़ जेल में 19 दिन में ये दूसरा गैंगवार है।इससे पहले 14 अप्रैल को दिल्ली के गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया की हत्या कर दी गई थी. आज 2 मई को योगेश टुंडा और उसके साथी दीपक तीतर ने लोहे की रॉड से टिल्लू पर हमला कर दिया. इस हमले में टिल्लू की मौत हो गई।

14 अप्रैल: दिल्ली की तिहाड़ जेल में 14 अप्रैल को शाम 5 बजे गैंगवार हुई थी. पुलिस के मुताबिक, जेल नंबर 3 में किसी बात को लेकर दो गुटों के बीच जमकर मारपीट हुई. इसी दौरान धारदार हथियार से चार गैंगेस्टर्स पर वार किया गया. इसमें प्रिंस तेवतिया के ऊपर 7 से 8 बार धारदार हथियार से वार किया गया. सूचना के बाद तिहाड़ प्रशासन ने तुरंत सभी घायलों को पास के डीडीयू हॉस्पिटल में एडमिट कराया. यहां इलाज के दौरान प्रिंस तेवतिया की मौत हो गई. जबकि तीन घायल हुए थे।

मृतक गैंगस्टर प्रिंस पर लगभग 18 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे. हत्या का आरोप रोहित चौधरी गैंग पर लगा था. जेल सूत्रों के मुताबिक सबसे पहले प्रिंस तेवतिया ने ही रहमान पर हमला किया था. जवाबी हमले में रहमान ने प्रिंस तेवतिया पर तेजधार हथियार से वार कर दिया. तेवतिया दक्षिणी दिल्ली का गैंगस्टर था. रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिणी दिल्ली के ही शातिर अपराधी रोहित चौधरी से उसकी दुश्मनी चल रही थी. उसे 2019 में स्पेशल सेल ने एक एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया था. तब उसके पैर में गोली लगी थी. हालांकि उसके बाद वो जेल से बाहर आ गया था. फिर 2021 में उसे क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था।