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पूर्व IPS ने कहा संघी मुसलमानों के तो नाम बदलो-“मुख्तार अब्बास का नाम पण्डित,शाहनवाज़ का दीन और शाज़िया का उपाध्याय रखो”

नई दिल्ली: 2014 में बनी बीजेपी सरकार ने विकास के नाम पर सत्ता हासिल करी थी और काँग्रेस की नाकामी का भवंडर मचाकर नरेंद्र मोदी ने सत्ता क़ब्ज़ाई थी,बड़े बड़े वादे किये थे जिनको अब तक पूरा नही किया गया है।

लेकिन अपने अरमानों को ठंडा करने के लिये बीजेपी के नेता मार्गों,सड़कों,रेलवे स्टेशनों और शहरों के नाम बदल रहे हैं,जिससे शायद वो विकास को बुलाने का कोई नया तरीका अपना रहे होंगे।

उत्तर प्रदेश के 150 साल पुराने रेलवे स्टेशन मुगलसराय का नाम बदलकर संघ विचारक दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखे जाने पर इतिहासकारों और विरासत विशेषज्ञों का कहना है कि इससे यात्रियों में संशय की स्थिति पैदा होगी और यह क़दम रेलवे की विरासत का क्षति पहुंचाने वाला है।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हाल ही में स्टेशन का नाम बदलने की अधिसूचना जारी की थी. दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन पर स्थित यह स्टेशन उत्तर भारत का एक बड़ा रेलवे जंक्शन है. राज्यपाल राम नाईक ने नाम बदलने को मंज़ूरी दे दी है।

2002 के गुजरात दँगोँ मे नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाने वाले 1988 बैच के आईपीएस ऑफिसर संजीव भट्ट ने नाम बदलने वाले फैसलों पर ट्वीटर पर ट्वीट करके चुटकी लेते हुए बीजेपी के मुस्लिम नेताओं पर हमला बोला है।

संजीव भट्ट ने लिखा है कि “जोकर, मुख्तार का अब्बास नकवी का नाम पण्डित क्यों नही रखते,शाहनवाज़ का दीन,मोशब्बशर जावेद अकबर का दयाल,और शाज़िया इल्मी का उपाध्याय ?संघी मुसलमानों को तो पहले रीनेम करो”

संजीव भट्ट हमेशा अपने ट्वीट के द्वारा केंद्र सरकार की आलोचना करते रहते हैं,और निशाना साधते रहते हैं,संजीव भट्ट को 2011 में बर्खास्त किया गया था।