Ravish Kumar Official
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Aug 16, 2023
संविधान बदलने की बात अब तक आशंका की तरह देखी जाती थी, अफवाह मान कर खारिज कर दिया जाता था, लेकिन जब प्रधानमंत्री मोदी के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबराय 15 अगस्त के दिन लंबा लेख कर विस्तार से बताने लग जाएं कि 2047 के लिए एक नए संविधान की ज़रूरत है, बिबेक देबराय ने अपने लेख में उन आशंकाओं और अफवाहों को सही साबित कर दिया है। प्रधानमंत्री के आस-पास के लोग संविधान बदलने की बात का हौसला दिखाने लगे हैं, यही आपने आप में औपचारिक संकेत है कि कुछ हो रहा है। मिंट अखबार में बिबेक देबराय का यह लेख छपा है। मुमकिन है सरकार इसे किसी व्यक्ति की निजी राय बता कर खारिज कर दे लेकिन यह सामान्य लेख नहीं है। पूरे यकीन के साथ लिखा गया है। यह वो मामला ही नहीं कि खारिज कर देने से बात खत्म हो जाती है। हमारा ये एपिसोड पूरा देखें।
Bibek Debroy
@bibekdebroy

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Aug 15
Today in Mint.
Dilip Mandal
@Profdilipmandal
बिबेक डेबरॉय का माथा ख़राब हो गया है। नया संविधान लाने की बात कर रहा है। जिस संविधान ने 73 साल मे 5 करोड़ से ज्यादा एससी, एसटी, ओबीसी का मिडिल क्लास बना दिया, औरतों को अधिकार दिए, आरक्षण दिया, उस संविधान से इसे नफ़रत है।
इसका विरोध करें। बाबा साहब की निगरानी में तमाम राष्ट्रीय नेताओं ने जो संविधान बनाया, उस पर इसकी बुरी नज़र है।
सरकार को चाहिए कि इसे सभी पदों से हटाकर जेल में डाले।