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प्रधानमंत्री मोदी सत्यपाल मलिक के लगाए आरापों का जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं?


जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को सीबीआई के नोटिस मिलने के बाद शनिवार को सोशल मीडिया पर कई अकाउंट से दावा किया गया कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया है. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने एक ट्वीट में बताया कि ये जानकारी सही नहीं हैं.

दिल्ली पुलिस ने ट्विटर पर जानकारी दी , ” सोशल मीडिया पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल को पुलिस हिरासत में लेने की सूचना गलत हैं. वो ख़ुद अपने समर्थकों के साथ आर.के. पुरम पुलिस थाने आए थे. हमने उनसे कहा कि वो जब चाहें अपनी मर्जी से जा सकते हैं.”

वहीं किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करके दावा किया, ”साथियों मुझे, खाप प्रधान और सत्यपाल मलिक को दिल्ली के आर.के.पुरम में गिरफ़्तार कर लिया गया.”

Ravish Kumar Official
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अगर सीबीआई सत्यपाल मलिक के लगाए आरोपों का संज्ञान ले रही है तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हीं सत्यपाल मलिक के लगाए आरापों का जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं? मलिक के आरोपों पर शरद पवार के बयान भी गोदी मीडिया ने ग़ायब कर दिए हैं। वैसे गोदी मीडिया सेना, जवान, देश की रक्षा को लेकर हमलावर हो जाता है, मगर जब इसमें लापरवाही के सवाल सरकार से पूछे जाते हैं तो चुप हो जाता है। साफ़ है गोदी मीडिया देश की नहीं उस सरकार की चिंता करता है, जिसके कारण उसका नाम गोदी मीडिया पड़ा है। आज ईद है। आप सभी को ईद की हार्दिक शुभकामनाएँ।

उन्होंने अपने दावे में कहा कि वो वसंत कुंज पुलिस थाने में हैं जबकि मलिक आर.के.पुरम पुलिस थाने में हैं.

पुलिस ने उनके इस दावे को ख़ारिज किया.

सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को कथित इंश्योरेंस घोटाला मामले में कुछ सवालों के जवाब जानने के लिए कल नोटिस जारी किया था.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पिछले सात महीने में मलिक को सीबीआई ने दूसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया है. पिछले साल उन्हें अक्टूबर में पूछताछ के लिए बुलाया गया था.

दरअसल सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक ग्रुप मेडिकल इंश्योरेंस और सिविल कामकाज के कॉन्ट्रैक्ट को लेकर मलिक के आरोपों पर दो प्राथमिकियां दर्ज की थी.

कुछ दिन पहले सत्यपाल मलिक ने न्यूज़ वेबसाइट ‘द वायर’ के वरिष्ठ पत्रकार करण थापर को इंटरव्यू दिया था.

मलिक ने दावा किया था कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहने के दौरान (23 अगस्त-2018 से 30 अक्टूबर, 2019) उन्हें दो फाइल पास करने के एवज में 300 करोड़ रुपये की रिश्वत का ऑफ़र दिया गया था.

सत्यपाल मलिक ने इंटरव्यू में क्या कहा था:

‘द वायर’ को दिए इंटरव्यू में मलिक ने पुलवामा हमले के लिए न सिर्फ़ केंद्र सरकार को ज़िम्मेदार बताया बल्कि भ्रष्टाचार को लेकर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सवाल उठाए.

भ्रष्टाचार पर बात करते हुए उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर और गोवा का राज्यपाल रहते हुए उन्होंने कई बार भ्रष्टाचार का मुद्दा प्रधानमंत्री के सामने उठाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

सत्यपाल मलिक ने कहा कि प्रधानमंत्री के क़रीबी लोग उनके पास जम्मू-कश्मीर में दलाली का काम लेकर आए, जिसमें उन्हें 300 करोड़ रुपये का ऑफ़र था. इस काम को करने से उन्होंने मना कर दिया. सत्यपाल मलिक ने कहा, “मैं सेफ़ली कह सकता हूं कि प्रधानमंत्री जी को करप्शन से कोई बहुत नफ़रत नहीं है.”