

Related Articles
केवल एक दिन यह मान लेने से क्या नारी को सम्मान मिल जाता है? लक्ष्मी सिन्हा का लेख पढ़िये!
Laxmi Sinha =================== केवल एक दिन यह मान लेने से क्या नारी को सम्मान मिल जाती है?औरत त्याग की एक ऐसी मूरत है जिसे देवी का स्थान मिला है.किसी पुरुष में सहस्त्र हाथियों का बल होगा, पर एक औरत की ताकत और उसके त्याग के आगे तो शून्य ही है.भले ही समाज में इसे दु:ख […]
हमें मर्यादा सिखाने वालो तुम अपनी मर्यादा क्यों भूल जाते हो….!!लक्ष्मी सिन्हा लेख!!
Laxmi Sinha ============ यहा किसी से भी उम्मीदें वफा मत कर….!! ए मेरे दिल….!! समझ ले के ये दौर पत्थरों का है….!! एक स्त्री के योनि से जन्म लेने के बाद उसके वक्षस्थल से निकले दूध से अपनी भूख, प्यास मिटाने वाला इंसान बड़ा होते औरतों से इन्ही दो अंको की चाहत रखता है, और […]
एक और प्रोफ़ेसर साहब का क़िस्सा, विख्यात धार्मिक फ़ासिस्ट संगठन के नेता भी थे जो अपने को राष्ट्रवादी सांस्कृतिक संगठन कहता था!
Kavita Krishnapallavi =============== एक और प्रोफेसर साहब का किस्सा आपको एक और प्रोफेसर साहब का बेहद दिलचस्प किस्सा सुनाती हूँ जो प्रोफेसर होने के साथ ही एक ऐसे विख्यात धार्मिक फासिस्ट संगठन के नेता भी थे जो अपने को राष्ट्रवादी सांस्कृतिक संगठन कहता था I शहर का नाम नहीं बताऊँगी! ज़रूरत भी क्या है ! […]