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हिमगिरि के उत्तुंग शिखर पर…By-सर्वेश तिवारी श्रीमुख
Sarvesh Kumar Tiwari ============= हिमगिरि के उत्तुंग शिखर पर… चतुर्दिक फैली विशाल जलराशि! जहाँ तक दृष्टि जाय वहाँ तक जल ही जल। मानुस क्या, चिरई चुरुङ्ग का कहीं अता-पता नहीं। पर्वत के शीर्ष पर बैठे मनु के हृदय में और क्या होता, सिवाय शोक के? मानुस को जीने के लिए सबसे पहले मानुस चाहिये। साथ-सहयोग […]
धीरज श्रीवास्तव चित्रांश का एक गीत पढ़ने के साथ सुनिए भी…
धीरज श्रीवास्तव चित्रांश =========== पढ़ने के साथ सुनिए भी… एक सत्य घटना से उपजा परिस्थिति जन्य यह गीत.. एक प्रेमी प्रेमिका गाँव छोड़ने के लिए रेलवे स्टेशन पर मिलने की योजना बनाते हैं प्रेमिका सारे रिश्ते तोड़ कर आ जाती है किंतु प्रेमी कुटिलता के चलते नहीं आता है उस प्रेमी के पश्चाताप को रेखांकित […]
एक स्त्री मन होना चाहता है बुद्ध…:”…कौन कहता है दीवारें बोलती नहीं…!!रूबी सत्येन्द्र कुमार की दो कवितायेँ पढ़िये!!
एक स्त्री मन होना चाहता है बुद्ध…:…कौन कहता है दीवारें बोलती नहीं…!!रूबी सत्येन्द्र कुमार की दो कवितायेँ पढ़िये!! Satyendra Rubi Gupta Kushinagar =============== कौन कहता है दीवारें बोलती नहीं। मैने तो हर शाम इनकी सिसकियाँ सुनी है।⚘⚘⚘⚘⚘⚘ हृदय तक बात पहुँच जायें तो आशीर्वाद दीजिएगा ⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘ गीत तन जर्जर और मन भी जर्जर फिर भी […]