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फ़िलस्तीन और इस्राईल के बीच जंग जैसे हालत : इस्राईल के हमलों के जवाब में हमास ने की रॉकेटों की बारिश : रिपोर्ट

 

 

 

बीती रात इसराइल के लड़ाकू विमानों ने फ़िलस्तीन के अंदर कई टार्गेट्स पर हमले किये, कल दोपहर को लेबनान की सीमा के अंदर से इसराइल के अंदर 34 रॉकेट दागे गए थे, इसके बाद इसराइल में आपात मीटिंग हुई जिसके बाद फ़िलस्तीन को निशाना बनाया गया, इन हमलों के जवाब में हमास ने भी इसराइल के ऊपर रॉकेटों की बारिश करना शुरू कर दिया था, रात भर जंग जैसा माहौल बना रहा

इसराइल के अंदर नेतन्याहू चारों तरफ से अंदरूनी उलझनों में घिरा हुआ है, वहां पर लाखों की तादाद में जनता नेतनयाहू के खिलाफ सड़कों पर उतरी हुई है, अंदरूनी मामलों से जनता का ध्यान हटाने के लिए आतंकी नेतन्याहू बेक़सूर फ़िलस्तीनियों को निशाना बना रहा है, साथ ही ईरान-सऊदी दोस्ती अमेरिका, ब्रिटेन और इसराइल को हज़म नहीं हो रही है, अमेरिका की कोशिश है कि किसी भी तरह से अरब के अंदर कोई नयी जंग शुरू हो जाये

इस्राईल की आतंकवादी कार्यवाही पर सऊदी अरब, ईरान, जॉर्डन समेत अन्य देशों ने प्रतक्रिया दी है, इसराइल के हमलों पर चिंता व्यक्त की है और इस्राईल की कार्यवाही की निंदा की है

ईरान और सऊदी अरब के रिश्ते अबतक के सबसे अच्छे रिश्ते बन गए हैं, ऐसे में अमेरिका, UK, इस्राईल बहुत परेशान हैं, अमेरिका की कोशिश है कि किसी न किसी बहाने से अरब के अंदर एक युद्ध शुरू किया जाये, लम्बे वक़्त से इस्राईल की सेना फिलस्तीन में अत्याचार कर रही है,हाल दिनों में इनमे बहुत ज़यादा बढ़ोतरी हुई है, मस्जिदे अक़्सा के अंदर घुस कर इस्राइली सैनिक कार्यवाहियां कर रहे हैं, फिलस्तीनी बस्तियों को उजाड़ रहे हैं, आये दिन वहां हिंसा हो रही है, इसराइल की कोशिश है कि अरब के किसी देश से इस पर प्रतक्रिया आये और फिर उस देश के ख़िलाफ़ जंग को भड़काया जाए, आज की कार्यवाही उसी तरफ जाती नज़र आ रही है

अमेरिका और उसके वेस्ट के सहियोगी यूक्रेन में फंसे हुए हैं ऐसे में अगर अन्य कोई मोर्चा खुल जाता है तो ये अमेरिका के लिए बहुत फ़ायदेमंद साबित होगा, रूस, चीन, ईरान, तुर्की आदि को नयी जंग में उलझा कर रखना चाहता है अमेरिका

ईरान ने जायोनी शासन के हमलों की तीव्र भर्त्सना की है

विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने दक्षिणी लेबनान और ग़ज्ज़ा पट्टी पर जायोनी शासन के पाश्विक हमलों की तीव्र भर्त्सना की है।

विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने जायोनी शासन के हमलों को रोकने के लिए विश्व समुदाय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों व संस्थाओं की ओर से प्रभावी प्रतिक्रिया दिखाये जाने की मांग की है।

समाचार एजेन्सी फार्स की रिपोर्ट के अनुसार जायोनी शासन के युद्धक विमानों ने आज सुबह गज़्ज़ा पट्टी पर बमबारी की। इसी संबंध में जायोनी शासन के सैनिक प्रवक्ता ने भी आज सुबह एलान किया है कि पिछले घंटों में दक्षिणी लेबनान में तीन और गज्जा पट्टी में 10 लक्ष्यों को निशाना बनाया गया।

विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने जायोनियों द्वारा मस्जिदुल अक्सा का अनादर जारी रहने और नमाज़ियों पर जायोनी सैनिकों के हमले को अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों व कानूनों का खुला उल्लंघन बताया। नासिर कनआनी ने इससे पहले भी जायोनियों द्वारा मस्जिदुल अक्सा के अनादर की भर्त्सना की थी।

इसी बीच लेबनान के विदेशमंत्री अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह बूहबीब ने आज शुक्रवार को एलान किया है कि दक्षिणी लेबनान पर जायोनी शासन के हमलों के बाद सुरक्षा परिषद में उसकी शिकायत की है।

जायोनी सैनिकों ने नमाज़ियों पर हमला करके अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया, इस्राईल क्षेत्र को तबाही की ओर ले जा रहा हैः जार्डन

जार्डन के विदेशमंत्री ऐय्यन अस्सदफ़ी ने कहा है कि उनका देश चिंता के साथ मस्जिदुल में होने वाले परिवर्तनों पर नज़र रखे हुए है और हिंसा केवल हिंसा में वृद्धि का कारण बनेगी।

फार्स न्यूज़ एजेन्सी के अनुसार उन्होंने अलजज़ीरा के साथ साक्षात्कार में कहा कि जायोनी शासन अपनी कार्यवाहियों से क्षेत्र को तबाही की ओर ले जा रहा है। उन्होंने कहा कि जार्डन चिंता के साथ मस्जिदुल अक्सा की घटनाओं पर नज़र रखे हुए है और जायोनी शासन ने इस पवित्र स्थल में नमाज़ियों पर जो हमला किया उसका कोई औचित्य नहीं है।

एय्मन अस्सफदी ने कहा कि हिंसा केवल हिंसा का कारण बनेगी और जार्डन हिंसा को रोकने के लिए जो कर सकता है करेगा परंतु केवल जार्डन का प्रयास काफी नहीं है और इन हालात को यानी अतिग्रहण को समाप्त कराने के लिए विश्व समुदाय को गम्भीरता से प्रयास करना चाहिये।

उन्होंने कहा कि आजकल मस्जिदु अक्सा में जो घटनायें हो रही हैं उसका कारण इस विवाद के राजनीतिक समाधान का न होना है। इसी प्रकार जार्डन के विदेशमंत्री ने कहा कि अतिग्रहणकारी सैनिकों ने मस्जिदुल अक्सा में नमाज़ियों पर हमला करके अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया। जायोनी सैनिकों ने बुधवार की सुबह को मस्जिदुल अक्सा के प्रांगण में हमला करके नमाज़ियों को एसी स्थिति में मारा -पीटा जब इस पवित्र स्थल के प्रबंधन की ज़िम्मेदारी जार्डन सरकार की है।

जार्डन के विदेशमंत्री ने मस्जिदुल अक्सा में वक्फ बोर्ड की ओर से जार्डन से संबंधित 70 रक्षकों की उपस्थिति की ओर संकेत किया और कहा कि ये खाली हाथों रक्षक उन सैनिकों के मुकाबले में कुछ नहीं कर सकते जो सशस्त्र हैं।

ज्ञात रहे कि अतिक्रमणकारी जायोनी सैनिकों ने बुधवार को आधी रात के बाद मस्जिदुल अक्सा पर हमला करके नमाज़ियों को मारा- पीटा और इस हमले में 400 फिलिस्तीनियों को गिरफ्तार कर लिया और दसियों नमाज़ियों को घायल कर दिया।

जायोनी सैनिकों के इस हमले की जो तस्वीरें प्रकाशित हुई हैं उससे विश्व के संचार माध्यमों में यह मामला काफी ज़ोर पकड़ गया है और सऊदी अरब, मिस्र, कतर और जार्डन सहित कई देशों ने इसकी भर्त्सना की है।


ईरान ने की ओआईसी की आपातकालीन बैठक की मांग

मस्जिदुल अक़सा में ज़ायोनी शासन द्वारा की गई हिंसक कार्यवाही के दृष्टिगत ईरान ने की ओआईसी की आपातकालीन बैठक की मांग की है।

हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने गुरूवार की शाम ओआईसी के महासचिव से टेलिफोन पर बात की।

इस वार्ता में उन्होंने हुसैन इब्राहीम ताहा से ज़ायोनी सैनिकों द्वारा मस्जिदुल अक़सा में की गई हिंसक कार्यवाही के बारे में बातचीत की। उन्होंने कहा कि इस बारे में ओआईसी के विदेश मंत्रियों के स्तर की आपातकालीन बैठक आहूत की जाए। ईरान के विदेश मंत्री का कहना था कि इस बैठक के आयोजन में इस्लामी गणतंत्र ईरान से जो कुछ हो सकेगा वह करने के लिए तैयार है।

उन्होंने इस बारे में ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी और इन्डोनेशिया के राष्ट्रपति के बीच हुई वार्ता का उल्लेख करते हुए बताया कि इस संदर्भ में कुछ सुझाव भी हैं। ईरान के विदेशमंत्री के साथ होने वाली टेलिफोनी वार्ता में ओआईसी के महासचिव हुसैन इब्राहीम ताहा ने मस्जिदुल अक़सा में ज़ायोनी शासन द्वारा की गई हिंसक कार्यवाही की निंदा की।

याद रहे कि अवैध ज़ायोनी शासन के सैनिकों ने बुधवार की सुबह मस्जिदुल अक़सा में उपासना कर रहे फ़िलिस्तीनियों पर हमला कर दिया जिसमें कई फ़िलिस्तीनी घायल हो गए।

वेस्ट बैंक में गोलीबारी में दो इसराइली महिलाओं की मौत

इसराइल के क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में हुई गोलीबारी में दो इसराइली महिलाओं की मौत हो गई और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गई.

इसराइली सेना और चिकित्साकर्मियों का कहना है कि ये महिलाएं एक कार में थीं जो जॉर्डन घाटी में हमरा के पास गोली लगने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी.

स्थानीय मीडिया ने बताया कि मरने वाली महिल बहनें थीं और उम्र बीस साल से अधिक थी. 48 साल की तीसरी महिला, जो उनकी मां बताई जा रही है, उनकी हालत गंभीर है.

शूटिंग दक्षिणी लेबनान और गज़ा पट्टी में इसराइली युद्धक विमानों द्वारा किए गए हवाई हमलों के घंटों बाद हुई.

इज़राइली सेना ने कहा कि जॉर्डन घाटी में शुक्रवार की घटना को शुरू में एक इज़राइली कार और एक फ़िलिस्तीनी कार के बीच टक्कर के रूप में रिपोर्ट किया गया था.

लेकिन जब सैनिक पहुंचे तो उन्होंने इसराइली वाहन में कई गोलियों के छेद दिखे और यह पाया गया कि ये एक हमला था.

इसराइल के सरकारी समाचार चैनल ‘कान’ के अनुसार 22 गोलियों के खोल मिले, जिससे पता चलता है कि ये एक असॉल्ट राइफ़ल हमला था.