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फ़िलिस्तीनी गुटों के सामने ज़ायोनी शासन कमज़ोर पड़ता जा रहा है : रिपोर्ट

फ़िलिस्तीनी गुटों के सामने क्या ज़ायोनी शासन कमज़ोर पड़ता जा रहा है?

ग़ज्ज़ा पट्टी के ख़िलाफ़ पांच दिन जारी रहने के बाद ज़ायोनी शासन के हमले नकबा डे पर ऐसी स्थिति में बंद हुए, जब फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी रॉकेटों ने इस अवैध शासन की रक्षा कमज़ोरियों को पहले से भी ज़्यादा उजागकर कर दिया है।

ग़ौरतलब है कि पिछले मंगलवार से इस्राईली सेना ग़ज्ज़ा पर भीषण हवाई हमले कर रही है, जिसमें अब तक बच्चों और महिलाओं समेत 35 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी शहीद हो गए हैं।

इस बीच, फ़िलिस्तीन के प्रतिरोधी गुट जिहादे इस्लामी की मिसाइल ताक़त का लोहा मानते हुए इस्राईली संचार माध्यमों ने रहस्योद्घाटन किया है कि फ़िलिस्तीनी रॉकेटों की गूंज से पिछले पांच दिनों से इस्राईल में जनजीवन अस्त-व्यस्त होकर रह गया है।

इस्राईल के वायु हमलों के अगले दिन फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी गुटों ने भी जवाबी कार्यवाही करते हुए आज़ाद बदला नामक अभियान की शुरूआत की और एक हज़ार से ज़्यादा रॉकेट फ़ायर किए।

इस्राईल की सबसे ज़्यादा कारगर मानी जाने वाली वायु रक्षा प्रणाली आयरन डोम की असफलता ने भी ज़ायोनियों में ख़ौफ़ पैदा कर दिया है। इस्राईल के एक सैन्य अधिकारी एलन एबितर का कहना था कि ग़ज्ज़ा से फ़ायर किए जाने वाले रॉकेटों ने हमें बड़ा सदमा और व्यापक नुक़सान पहुंचाया है।

इस युद्ध की दो आयामों से समीक्षा की जा सकती है। यह ठीक है कि इस युद्ध के नतीजे में ग़ज्ज़ा में जानी और माली नुक़सा हुआ है। दूसरी तरफ़ फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध ने ज़ायोनी शासन को भारी नुक़सान पहुंचाया है। पिछले पांच दिनों में ग़ज्ज़ा से 1469 रॉकेट फ़ायर किए गए, जिनमें से 1139 रॉकेटों ने इस्राईल की वायु रक्षा प्रणाली को भेद दिया। इस्राईल का कहना है कि फ़िलिस्तीनियों की जवाबी कार्यवाही में कम से कम 2 ज़ायोनी हताहत और 75 अन्य ज़ख़्मी हो गए।

इस प्रकार, प्रतिदिन औसतन 294 रॉकेट इस्राईल पर दाग़े गए, जो जिहादे इस्लामी के हथियारों के भंडारण को इंगित करता है।

2. ज़ायो नी शासन की वायु रक्षा प्रणाली ने एक चौथाई से भी कम रॉकेटों को इंटरसेप्ट किया है। यह मुद्दा सामान्य रूप से ज़ायोनी शासन की वायु रक्षा प्रणाली की कमज़ोरी को दर्शाता है।

3. ज़ायोनी शासन द्वारा हथियारों पर भारी ख़र्च भी, इस शासन के लिए सुरक्षा की गारंटी नहीं बना।

यह घटनाएं नकबा डे की पूर्व संध्या पर घटी हैं। आज 15 मई को 75वां नकबा डे है, जो ज़ायोनी शासन की कमज़ोरी और फ़िलिस्तीनियों की बढ़ती शक्ति को दर्शाता है।

क़ुद्स फ़ोर्स के कमान्डर ने फ़िलिस्तीनियों की शुभसूचना, जीत नज़दीक है

आईआरजीसी की क़ुद्स ब्रिगेड के कमान्डर जनरल इस्माईल क़ाआनी ने एक बार फिर ज़ायोनी शासन के मुक़ाबले में फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के हमेशा समर्थन पर आधारित ईरान के दृष्टिकोण को दोहराया।

आईआरजीसी की क़ुद्स ब्रिगेड के कमान्डर जनरल इस्माईल क़ाआनी ने प्रतिरोध के मोर्चे के नाम एक संदेश में यह बात बल देकर कही है कि बैतुल मुक़द्दस, वेस्ट बैंक और पूरे फ़िलिस्तीन के संघर्षकर्तओं ने साबित कर दिया कि फ़त्ह की सुबह निकट है।

जनरल इस्माईल क़ाआनी ने कहा कि प्रतिरोध के मोर्चे ने आपसी सहयोग और एकता से एक और जीत हासिल की और यह जीत निश्चित जीत की ओर से एक और क़दम है।

उन्होंने एक बार फिर स्पष्ट किया कि ईरान, फ़िलिस्तीनी जनता और प्रतिरोध का समर्थन जारी रखेगा और फ़िलिस्तीन की धरती से ज़ायोनी शासन की समाप्ति तक प्रतिरोध के मोर्चे को मज़बूत और शक्तिशाली बनाने के लिए काम करता रहेगा।

ज्ञात रहे कि पिछले मंगलवार की सुबह इस्राईली सेना ने ग़ज़्ज़ा में ढाल और तीर नामक आप्रेशन शुरु किया और जेहादे इस्लाम के ठिकानों पर हमले किए जिसमें 40 फ़िलिस्तीनी शहीद और 150 घायल हुए।

इस्राईल के हमलों के जवाब में फ़िलिस्तीनी संघर्षकर्ताओं ने सार अल अहरार नामक आप्रेशन किया और इस्राईली क्षेत्रों पर 1200 से अधिक रॉकेट और मीज़ाइल फ़ायर किए।