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फ़िलिस्तीनी युवा की शहादत के बाद आम हड़ताल : ये मस्जिदुल अक्सा में अंजाम दिये जाने वाले अपराधों जवाब है ; रिपोर्ट

फिलिस्तीन के जेहादे इस्लामी और हमास आंदोलनों ने अलख़लील में अंजाम दी जाने वाली शहादतप्रेमी कार्यवाही का स्वागत करते हुए कहा है कि जायोनियों ने मस्जिदुल अक्सा में नमाज़ियों पर जो हमला किया था यह कार्यवाही उसका जवाब है।

समाचार एजेन्सी फार्स की रिपोर्ट के अनुसार जायोनी शासन की सेना ने आज रविवार की सुबह आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि की है कि बैते उम्मेर नामक क्षेत्र में फिलिस्तीनियों ने कार्यवाही की जिसमें तीन सैनिक घायल हुए हैं। इसी प्रकार जायोनी सैनिकों की रिपोर्ट में आया है कि एक फिलिस्तीनी चालक की कार्यवाही के कारण इस्राईली सैनिकों की एक जीप बैते लहम और अलखलील के बीच रास्ते में पलट गयी।

जायोनी शासन के रेडियो ने भी इस कार्यवाही की ओर संकेत करते हुए कहा है कि फिलिस्तीनी चालक फिलिस्तीनी प्रशासन का एक सुरक्षा अफसर था। इसी प्रकार हिब्रू भाषी संचार माध्यमों ने बताया है कि एक जायोनी सैनिक ने फिलिस्तीनी चालक के सिर में गोली मारी जिसकी वजह से बहुत विषम स्थिति में है।

इस बीच फिलिस्तीन के हमास आंदोलन ने अपनी विज्ञप्ति में बल देकर कहा है कि अलख़लील के उत्तर में होने वाली कार्यवाही मस्जिदुल अक्सा में नमाज़ियों पर जायोनियों के हमलों व अपराधों का प्राकृतिक जवाब है। जेहादे इस्लामी ने भी कहा है कि बैते उम्मेर में होने वाली कार्यवाही को वह एक मुबारक कार्यवाही समझता है और मस्जिदुल अक्सा में नमाज़ियों पर अतिग्रहणकारियों के हमलों व अपराधों का स्वाभाविक जवाब है।

ज्ञात रहे कि शनिवार की सुबह को जायोनी सैनिकों ने एक फिलिस्तीनी महिला पर हमला किया था पर एक फिलिस्तीनी जवान उस महिला को जायोनी सैनिकों के हमलों से बचाना चाहता था कि जायोनी सैनिकों ने उस फिलिस्तीनी जवान को गोली मार कर शहीद कर दिया था।

फ़िलिस्तीनी युवा की शहादत के बाद आम हड़ताल

फ़िलिस्तीनियों ने अवैध अधिग्रहित क्षेत्रों में एक फ़िलिस्तीनी युवक की शहादत के बाद व्यापक आम हड़ताल की घोषणा की है।

रिपोर्ट के मुताबिक़, शुक्रवार की शाम को अवैध अधिकृत नक़बा के हूरा क़स्बे में इस्राईली सैनिकों ने 26 वर्षीय मुहम्मद ख़ालिद अल-असीबी को सीधी फायरिंग कर शहीद कर दिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, फ़िलिस्तीनी युवक एक फिलिस्तीनी महिला को बचाने के लिए आगे बढ़ा, जिस पर इस्राईली सैनिकों द्वारा हमला किया जा रहा था और उसी समय इस्राईली सैनिकों ने उसे गोली मार दी।

फ़िलिस्तीनी मीडिया के अनुसार, इस फ़िलिस्तीनी युवक की शहादत के तुरंत बाद, 1948 के क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में रहने वाले फिलिस्तीनियों की समिति ने एक आपातकालीन बैठक की और रविवार को आम हड़ताल की घोषणा की।

फ़िलिस्तीनियों ने इस क्रूरता को इस्राईल खुले नस्लवाद के सबूत के रूप में याद किया।