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फिलिस्तीन के मुद्दे पर सऊदी अरब ने फिर किया निराश-तमाम मुस्लिम राष्ट्रों में गुस्से का माहौल

नई दिल्ली:किब्ला अव्वल की हिफाज़त और पीड़ित फिलिस्तीनियों की रक्षा के लिये तमाम मुस्लिम राष्ट्रों की आपात्काल बैठक तय्यब एर्दोगान ने तुर्की में बुलाई थी जिसमें तमाम सदस्य राष्ट्रों ने भाग लिया लेकिन निराशाजनक बात ये रही कि इस महत्वपूर्ण बैठक में सऊदी अरब और सहयोगी देश गायब रहे जिनमें मिस्र,संयुक्त अरब अमीरात,और बहरीन के नाम शामिल हैं।

इस बैठक में अमेरिका द्वारा अवैध तरीके से येरुशलम बनाये गए दूतावास और इज़राईल सैना के द्वारा गाज़ा सीमा पर विरोध कर रहे फिलिस्तीनियों को शहीद करने और तीन हज़ार के लगभग को गम्भीर रूप से घायल करने की कड़ी आलोचना की गई तथा इज़राईल के विरुद्ध उसके अत्याचार को रोकने और फिलिस्तीनियों की रक्षा करने के लिये विशेष सैना का गठन करने की बात कही गई।

ओआईसी सम्मेलन के अंत में जारी घोषणा ने अमेरिकी दूतावास को यरूशलेम अल-कुड्स में शिफ्ट होने को “गैरकानूनी” बताया और कहा की यह निर्णय क्षेत्र में अराजकता को ट्रिगर कर सकता है।

48 देशों द्वारा हस्ताक्षरित घोषणा पत्र में कहा गया है की “एक बार फिर पूरे मुस्लिम देशो ने अल-कुड्स और हरम अल-शरीफ की पवित्रता और ऐतिहासिक स्थिति को संरक्षित करने के महत्वपूर्ण महत्व की पुष्टि की है.” घोषणा पत्र में बताया गया है की “मुस्लिम देश एक बार फिर एकता और एकजुटता से वैश्विक स्तर पर फिलिस्तीन की रक्षा करेंगे।

फार्स न्यूज के अनुसार सऊदी राजा और पीए अध्यक्ष की अनुपस्थिति में हुए सम्मेलन के दौरान, जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय तुर्की के राष्ट्रपति रसेप तय्यिप एर्दोगान और ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी के कतरी अमीर तामीम बिन अहमद अल-थानी के बगल में बैठे थे।ओआईसी की बैठक में किंग सलमान की अनुपस्तिथि बहुत सारे सवाल खड़े करती है।

ईरानी मीडिया के अनुसार कई लोगों का कहना है की सऊदी अरब इजराइल के पक्ष में है तो कई किंग सलमान की अनुपस्तिथि का अनुमान बिन सलमान की मौत से लगा रहे हैं, क्योंकि इन दिनों ईरानी मीडिया कह रही है की सऊदी रॉयल पैलेस पर हुए हमलों में क्राउन प्रिंस बिन सलमान की मौत हो गयी थी जिस वजह से किंग सलमान भी ओआईसी की बैठक में शामिल ना हुए हों।