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फ्रांस ने की नाइजेर के विरुद्ध बदले की कार्यवाही, माली और बोर्कीनाफासो के लिए वीज़े पर रोक लगायी!

बदले की कार्यवाही करते हुए फ्रांस ने अफ़्रीकी देशों माली और बोर्कीनाफासो के लिए वीज़े जारी करने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। यह रोक अनिश्चित कालीन के लिए लगाई गई है।

नाइजेर में हुए सैन्य विद्रोह को लेकर फ़्रांस और माली तथा बोर्कीनाफासों के बीच गंभीर मतभेद पैदा हो गए हैं।

इसी बीच नाइजेर के पड़ोसी देशों माली और बोर्कीनाफासो के विदेश मंत्रालयों ने भी फ़्रांसीसी नागरिकों के लिए वीज़ों पर अनिश्चित काल के लिए रोक लगाने की घोषणा कर दी है।

माली और बोर्कीनाफासो वे देश हैं जिन्होंने नाइजेर के विरुद्ध किसी भी सैन्य कार्यवाही के प्रति चेतावनी दे रही है जबकि पश्चिम विशेषकर फ्रांस, अफ्रीकी राज्यों के समुदाय इकोवास के माध्यम से नाइजेर के विरुद्ध सैन्य कार्यवाही का पक्षधर है। अफ्रीकी देशों माली और बोर्कीनाफासी का मानना है कि नाइजेर संकट का समाधान कूटनीति के मार्ग से किया जाना चाहिए।

इन दोनो देशों ने एक संयुक्त बयान जारी करके घोषणा की है कि नाइजेर के विरुद्ध किसी भी प्रकार की सैन्य कार्यवाही, हमारे साथ युद्ध के अर्थ में समझी जाएगी। उनका यह भी कहना है कि नाइजेर में सैन्य हस्तक्षेप की स्थति में वे पश्चिम अफ्रीकी देशों के संगठन इकोवास से निकल जाएंगे।

इसी बीच नाइजेर में सैन्य सत्ता संभालने वाली परिषद ने स्पष्ट शब्दों में घोषणा की है कि एक विदेशी शक्ति, नाइजेर पर हमला करवाने के प्रयास में लगी हुई है। उल्लेखनीय है कि लंबे समय तक अफ्रीकी देश नाइजेर, फ्रांस का उपनिवेश रह चुका है जहां के लोग अब उससे मुक्ति प्राप्त करना चाहते हैं।

याद रहे कि नाइजर के राष्ट्रपति गार्ड के बलों के कमांडर जनरल अब्दोराहामाने ने इस देश के राष्ट्रपति मुहम्मद बाज़ूम को राष्ट्रपति भवन में नज़रबंद करके उनको उनके पद से अपदस्थ कर दिया था। विशेष बात यह है कि नाइजेर में बड़ी संख्या में यूरेनियम के भण्डार पाए जाते हैं। जानकारों का कहना है कि शायद यही वजह है कि फ्रांस यहां से अपना वर्चस्व समाप्त करना नहीं चाहता है।