नई दिल्ली: शमसुद्दीन हत्या कांड मामले को लेकर अदालत ने 10 आरोपियों को उम्रकैद की सजा के साथ साथ 14-14 हजार रुपये के जुर्माने भी लगाईं है। बता दें कि एक साल पूर्व धनबाद के शम्सुद्दीन को भीड़ ने बच्चा चोर बता पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था। जिसके बाद उपचार के दौरान उसकी रिम्स में मौत हो गई थी।
बेरमो व्यवहार न्यायालय तेनुघाट के अपर सत्र न्यायाधीश गुलाम हैदर की अदालत ने मंगलवार को बोकारो के नर्रा के चर्चित शमसुद्दीन हत्याकांड मामले पर फैसला सुनाया। इस मामले को लेकर अदालत ने 10 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाया है साथ ही 14-14 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि में से एक लाख बीस हजार रुपये पीड़ित परिवार को दिए जाएंगे। इसमें से साठ हजार रुपए मृतक की विधवा को मिलेंगे।
ज्ञात हो कि चार अप्रैल, 2017 को बच्चा चोरी के आरोप में चंद्रपुरा थाने के नर्रा गांव में शमसुद्दीन अंसारी की भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. वह अपने ससुराल नर्रा गांव आया था. इस दौरान उपस्थित भीड़ ने पुलिस पर भी पथराव किया. घटना के बाद मृतक की सरहज नायमुल बीबी ने आरोपियों पर मामला दर्ज कराया था.
कोर्ट ने मुआवजा की राशि को कम माना और सीआरपीसी की धारा 357अ के तहत मृतक की विधवा को पर्याप्त राशि देने के लिए डालसा बोकारो को लिखा है। बता दें कि नर्रा कांड में किशोर दसौंधी, सूरज वर्णवाल, चंदन दसौंधी, जीतन रजक, सागर तुरी, मनोज तुरी, सोनू तुरी, जितेंद्र ठाकुर, राज कुमार कोइरी और छुटिया कोइरी को आजीवन कारावास दिया गया है।
दोषियों के वकील ने हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है। मॉब लिंचिंग मामले में झारखंड में यह दूसरा फैसला है। इससे पहले रामगढ़ में बीफ के शक में अलीमुद्दीन अंसारी की हत्या के मामले में कोर्ट ने 11 दाेषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।