उत्तर प्रदेश राज्य

बदायूं जामा मस्जिद केस की सुनवाई 14 मार्च को होगी : भगवाधारियों के निशाने पर एक और बाबरी मस्जिद : रिपोर्ट

बदायूं की जामा मस्जिद के मुकदमे में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान इंतजामिया कमेटी के वकील ने जामा मस्जिद के निरीक्षण कराने की मांग पत्र को लेकर अपना एतराज दाखिल किया। इंतजामिया कमेटी के वकील का कहना है कि यह मुकदमा सुनवाई के योग्य ही नहीं है, निरीक्षण तो बाद की प्रक्रिया है। इसका जवाब दाखिल करने के लिए हिंदू महासभा को समय दिया गया है। अब इस केस की सुनवाई 14 मार्च को होगी।

सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय में विचाराधीन भगवान श्री नीलकंठ महादेव बनाम इंतजामिया कमेटी जामा मस्जिद के मुकदमे की मंगलवार दोपहर करीब दो बजे सुनवाई हुई। इस दौरान न्यायालय में हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश पटेल, वकील वेदप्रकाश साहू, विवेक रैंडर, ब्रजपाल सिंह, अर्पित श्रीवास्तव और नंदकिशोर गुप्ता मौजूद थे जबकि इंतजामिया कमेटी के वकील मोहम्मद असरार अहमद आए थे।

ये उत्तर प्रदेश बदायूं की वही जामा मस्जिद है जिस पर हिंदू महासभा ने नीलकंठ मंदिर होने का दावा ठोका है, 1223 में सुलतान अल्तमश ने इसे रज़िया सुलतान की पैदाइश पर बनवाया था, भारत की सातवीं सबसे बड़ी और 23500 नमाजियों की क्षमता वाली ये इकलौती मस्जिद है!

हिंदू महासभा ने की थी निरीक्षण कराने की मांग
पिछली तारीख पर हिंदू महासभा की ओर से जामा मस्जिद का निरीक्षण कराने की मांग की थी। उन्होंने दावा किया था कि जामा मस्जिद में अभी भी नीलकंठ ईशान मंदिर और राजा महीपाल का किला होने के साक्ष्य मौजूद हैं। इस पर आपत्ति दाखिल करने के लिए इंतजामिया कमेटी को समय दिया गया था।

इस क्रम में मंगलवार को इंतजामिया कमेटी ने आपत्ति दाखिल की। इस दौरान वकील मोहम्मद असरार अहमद ने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से भी मुकदमे में आपत्ति दाखिल की। अभी तक वक्फ बोर्ड न्यायालय में हाजिर नहीं हुआ था लेकिन मंगलवार को वक्फ बोर्ड भी पक्षकार बन गया।

दोनों से आई आपत्तियों पर जवाब दाखिल करने के लिए न्यायाधीश ने हिंदू महासभा को समय दिया है। इसके लिए न्यायालय की ओर से 14 मार्च तारीख दे दी गई है। आज सुनवाई के दौरान हिंदू महासभा ने भी अपनी ओर से वाद पत्र में संशोधन के लिए प्रार्थना पत्र दिया है।

न्यायाधीश मोहम्मद साजिद ने की सुनवाई
सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय में अब तक मुकदमे की सुनवाई न्यायाधीश विजय कुमार गुप्ता कर रहे थे। पिछले दिनों उनका प्रमोशन हो गया। इससे पिछली तारीख पर मुकदमे की सुनवाई नहीं हो पाई थी लेकिन अब न्यायाधीश मोहम्मद साजिद प्रमोशन होकर आए हैं। वह सिविल जज सीनियर डिवीजन बने हैं। मंगलवार को उन्होंने ही मुकदमे की सुनवाई की।

अभी तीन पक्षकार नहीं हुए हैं हाजिर
इस मुकदमे में अभी तीन पक्षकार हाजिर नहीं हुए हैं। हिंदू महासभा की ओर से इंतजामिया कमेटी जामा मस्जिद, डीएम, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन, पुरातत्व विभाग और यूनियन ऑफ इंडिया को पक्षकार बनाया गया था। इसमें अब तक पुरातत्व विभाग, मुख्य सचिव और यूनियन ऑफ इंडिया पक्षकार नहीं बने हैं। मंगलवार को वक्फ बोर्ड की ओर से मोहम्मद असरार अहमद हाजिर हो गए। वह इंतजामिया कमेटी के भी वकील हैं।