उत्तर प्रदेश राज्य

बरेली : बच्चों को निशाना बना रहे कुत्ते, कुत्तों ने बालक के सिर से मांस नोच लिया : रिपोर्ट

बरेली के सीबीगंज क्षेत्र में मथुरापुर, बंडिया और खना गौटिया में आदमखोर कुत्तों का आतंक जारी है। नगर निगम से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल तक शिकायतों का कोई नतीजा नहीं निकला। इस बीच मंगलवार को कुत्तों ने एक और बच्चे जान ले ली। कुत्तों ने बालक के सिर से मांस नोच लिया। वहीं छह साल के एक बच्चे को गंभीर घायल कर दिया। आसपास के लोगों ने किसी तरह से कुत्तों को भगाकर एक बच्चे को बचाया। लोग इतना डरे हुए हैं कि शाम होते हैं यहां सन्नाटा पसर जाता है। बच्चों को घरों से निकलने नहीं देते।

सीबीगंज के खना गौटिया के ईदगाह मैदान में मंगलवार शाम गांव के बच्चे खेल रहे थे। इसी दौरान आवारा कुत्तों के झुंड ने बच्चों पर हमला कर लिया। खूंखार कुत्तों को देखकर कई बच्चों ने पेड़ पर चढ़कर जान बचाई। इस दौरान खना गौटिया निवासी इरफान के 10 साल के बेटे अयान और खना गौटिया नगर किनारे के मुस्तकीम के छह साल के बेटे अर्श को कुत्तों ने खींच लिया।

कुत्तों ने अयान के सिर का मांस नोच कर खा लिया। अर्श के शरीर से भी कई जगह का मांस नोच लिया। कुत्तों को किसी तरह भगाने के बाद अयान और अर्श को आननफानन परिवार वाले मिनी बाईपास स्थित एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टर ने अयान को मृत घोषित कर दिया। अर्श की हालत गंभीर है। अयान के पिता इरफान मजदूरी करते हैं। इलाके में आवारा कुत्तों के आतंक से लोगों में इससे रोष है।

अब तक चार बच्चों की मौत
नगर निगम के वार्ड नंबर 25 मथुरापुर में दो साल से नगर निगम ने आवारा कुत्तों का आतंक खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इलाके के लोगों को बच्चों की जान के रूप में इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। एक मार्च को बंडिया निवासी अवधेश गंगवार की दो साल की बेटी परी को आदमखोर कुत्तों ने नोच डाला। बाद में उसकी मौत हो गई।

15 दिन पहले ही बंडिया निवासी हरीशचंद्र के दस साल के बेटे को कुत्तों ने हमला कर घायल कर दिया था। कुछ ही महीनों में आवारा कुत्ते चार बच्चों की जान ले चुके हैं। कुत्तों के हमलों में घायल होने वालों की गिनती नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुत्तों का आतंक कम नहीं हुआ तो लोग निकाय चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे।

बच्चों को निशाना बना रहे कुत्ते
कुत्तों के झुंड दिन में नहर के पास जंगल में रहते हैं और शाम होते ही बस्तियों का रुख करते हैं। अचानक हमला करने वाले कुत्तों के ये झुंड किसी को संभलने का मौका तक नहीं देते। खासकर बच्चे इन आदमखोर कुत्तों के निशाने पर रहते हैं। क्षेत्र के चमन राजपूत, नरेश, सुनील शुक्ला, करन, चुन्नी लाल आदि का कहना है कि दो साल से बार-बार शिकायतों और चार मौतों के बाद भी नगर निगम ने सुध नहीं ली है।