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जीत गए तो वसुधा का सुख भोगोगे,,,हार गए तो फिर संघर्ष दुबारा है…..By -समीक्षा सिंह
Samiksha Singh ================== जय श्री राम मित्रो, मैं नित्य जागती हूँ इस उद्देश्य के साथ कि आज दिन में कम से कम एक हिन्दू को जाग्रत करूँगी, मैं सोती हूँ इस आशा में कि जब जागूँगी मेरे पास कुछ नया होगा इस राष्ट्र को देने के लिए ….. इसी उपाहपोह में कई मित्रों की टिप्पणी […]
बहु मैं भी अपने बेटे की इकलौती मां हूं…..!!….@लक्ष्मी कुमावत की क़लम से
तुमसा नहीं देखा =============== बहु मैं भी अपने बेटे की इकलौती मां हूं…..!! कितनी खुश थी आज सुमेधा जी। आज बेटे का प्रमोशन हुआ है तो बीमार होने के बावजूद भी अपने हाथों से रसोई में मैं जाकर उसकी पसंद का खाना और खास हलवा बनाने में लगी हुई थी। आखिर उनके बेटे सुजॉय को […]
हक़ का सवाल पूछने झूटों में आ गए,,,,आईना ले के आप भी अन्धों में आ गए : शक़ील सिकंद्राबादी की एक ग़ज़ल
Shakeel Sikandrabadi ============== · ग़ज़ल हम ये समझ रहे थे के फूलों में आ गए लेकिन वफाएँ कर के तो काँटों में आ गए हक़ का सवाल पूछने झूटों में आ गए आईना ले के आप भी अन्धों में आ गए मग़रूर हुस्न वालों की चालों में आ गए आशिक़ मिज़ाज लौग थे बातों में […]