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बिहार के छपरा में ज़हरीली शराब पीने से कम से कम 17 लोगों की मौत!

बिहार के छपरा में कथित तौर पर ज़हरीली शराब पीने से कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई है. सारण के डीएम ने बीबीसी हिंदी को बताया है कि इन मौतों के बाद, पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है.

सारण के सिविल सर्जन सागर दुलाल सिन्हा ने कहा है कि उनके अस्पताल में 17 लोगों के शव पोस्ट मॉर्टम के लिए लाए गए थे.

अधिकारी ने शुरू में बताया था कि आठ लोगों की मौत हुई है. अब भी छपरा के सदर अस्पताल में आठ लोगों का इलाज़ चल रहा है. ये मामला सारण ज़िले के छपरा के इसुआपुर थाना क्षेत्र की है.

ख़बरों के मुताबिक़ मंगलावर देर रात इस इलाक़े में कुछ लोगों ने कथित तौर ज़हरीली शराब पी जिसके बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी. इन लोगों को छपरा के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.

इन मौतों के बाद स्थानीय लोगों में भी खूब आक्रोश देखा जा रहा है. बिहार में विपक्षी पार्टियां इन मौतों का कारण ज़हरीली शराब का सेवन बता रही हैं. ये मुद्दा बिहार से दिल्ली तक सुर्ख़ियों में आ गया है.

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक ट्वीट में दावा किया है कि बिहार में ज़हरीली शराब के 14 लोगों की मौत हो गई है, लेकिन सवाल करने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बौखला गए हैं.

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि शराबबंदी के पहले भी ज़हरीली शराब से लोगों की मौत हो रही थी. बीजेपी बिहार में सालों तक सत्ता में साझेदार रही, उसने इसके लिए क्या किया वो भी बताना चाहिए.

सारण के सिविल सर्जन सागर दुलाल सिन्हा ने बीबीसी को बताया, “पोस्टमॉर्टम के लिए लाये गये शवों को देखकर लगता है कि यह पॉइज़निंग का मामला है.”

सिविल सर्जन के मुताबिक़ विसरा सैंपल को इकट्ठा किये जा रहे हैं. इनकी जांच सारण पुलिस की तरफ़ से मुज़फ़्फ़रपुर के लैब में करवाई जाएगी. उसके बाद ही मौत के सही कारण का पता लग पाएगा.

बिहार में शराबबंदी
बिहार में अब तक शराबबंदी क़ानून तोड़ने के मामले में कुल पांच लाख़ से ज़्यादा केस दर्ज हो चुके हैं (505951)
बीते छह साल बिहार में क़रीब ढाई करोड़ लीटर (24226060) अवैध शराब ज़ब्त की गई है
इस दौरान शराबबंदी क़ानून तोड़ने के मामले में साढ़े छह लाख़ से ज़्यादा (655770) लोगों की गिरफ़्तारी भी हुई है.
(आंकड़े 21 नवंबर 2022 तक के हैं)

बीबीसी इस मुद्दे पर सारण के एसपी से भी बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने इसपर कोई जवाब नहीं दिया.

इस घटना के बाद से बिहार में सियासी हंगामा शुरू हो गया है. बिहार विधानसभा में भी शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन, बुधवार को इसपर जमकर हंगामा हुआ.

एक तरफ़ जहां बीजेपी विधायकों ने सदन के वेल में घुसकर हंगामा किया वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी काफ़ी तीखे तेवर में विपक्ष पर बरसते दिखाई दिए.

मीडिया में छपी ख़बरों के मुताबिक़ पिछले हफ़्ते भी शराब पीने से सारण ज़िले में ही 11 लोगों की मौत हुई थी.

बिहार सरकार के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़ इस साल राज्य में क़रीब चालीस लाख़ लीटर अवैध शराब ज़ब्त की गई है.

इसमें आधी से ज़्यादा देशी शराब है. अवैध शराब के मामलों में इस साल एक लाख़ 38 हज़ार से ज़्यादा केस भी दर्ज़ किया गया है.

केवल नवंबर महीने में ही सरकारी एजेंसियों ने तीन लाख़ लीटर से ज़्यादा शराब ज़ब्त किया है. बिहार राज्य में साल 2016 में शराबबंदी लागू की गई थी.

यानी सख़्त क़ानून के बाद भी बिहार में शराबबंदी कानून को तोड़ने के मामले कम नहीं हो रहे हैं. बिहार में ज़हरीली शराब पीने के होने वाली मौत पहले भी कई बार हो चुकी है.

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चंदन कुमार जजवाड़े
बीबीसी संवाददाता, बिहार से