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बीजेपी के माफ़िया डॉन सांसद बृजभूषण ने कहा-जो ताक़तें शाहीन बाग़ में सक्रिय थीं, क़िसान आंदोलन में सक्रिय थीं वो पहलवानों के आंदोलन में दिखाई दे रही हैं!

भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने सोमवार को आरोप लगाया कि पहलवानों का विरोध शाहीन बाग मामले की तरह बढ़ रहा है और विरोध करने का लक्ष्य वह नहीं बल्कि भाजपा बनती जा रही है है। बृजभूषण शरण सिंह ने पूछा कि पहलवानों की मांग पर एफआईआर (FIR) दर्ज होने के बावजूद जंतर-मंतर पर विरोध समाप्त क्यों नहीं हुआ? साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस प्रदर्शन की फंडिंग की जा रही है। पर्दे के पीछे से प्रदर्शनकारियों को आर्थिक सहायता मुहैया कराई जा रही है।

बृजभूषण शरण ने कहा- टुकड़े-टुकड़े गैंग, जो ताकतें शाहीन बाग में सक्रिय थीं, किसान आंदोलन में सक्रिय थीं, पीएम मोदी पर समय-समय पर हमले करने वाले, पार्टी पर हमले करने वाले, वो सारी ताकतें पहलवानों के आंदोलन में दिखाई दे रही हैं। मैं शुरू से ही कह रहा हूं कि उनका लक्ष्य मेरा इस्तीफा नहीं है। यह उनका बहाना है। जब उनकी मांग पर FIR दर्ज की गई है और जिस तरह से वे राजनीतिक दलों को आमंत्रित कर रहे हैं, उनका लक्ष्य पार्टी (भाजपा) है। प्रियंका गांधी पहुंचीं, उनके पति पहुंचे, मलिक साहब (सत्यपाल मलिक) पहुंचे, केजरीवाल पहुंचे। जिस तरह से लोग साथ आ रहे हैं, प्रधानमंत्री के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल हो रहा है…क्या यह खिलाड़ियों का आंदोलन है? नहीं है।

दिल्ली का शाहीन बाग 2019 में नागरिकता विरोधी (संशोधन) अधिनियम के विरोध के दौरान सुर्खियों में आया था। प्रदर्शनकारियों ने कुछ महीनों के लिए नागरिकता कानून के खिलाफ सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन किया था। इसके कारण लंबे समय तक ट्रैफिक डायवर्ट किया गया था।

उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने पूछा कि क्या सामान्य खिलाड़ी मामलों के लिए महंगे वकील रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के पीछे उद्योगपति हैं। बृजभूषण ने कहा- कुछ उद्योगपति मुझे हर तरह से नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, वे पैसे उड़ा रहे हैं। मुझे लगता है कि जब उद्योगपति मेरे खिलाफ सैकड़ों करोड़ों खर्च कर सकते हैं, तो मेरी जान को भी खतरा है। उन्होंने बृजभूषण सिंह के पीछे पड़ने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा- पहलवानों की मांग थी कि एफआईआर होनी चाहिए। यह दर्ज हो गई है, लेकिन उनका आंदोलन खत्म नहीं हो रहा है। क्या आंदोलन में पैसे खर्च नहीं होते हैं? धीरे-धीरे यह शाहीन बाग की तरह फैल रहा है। धीरे-धीरे वे यूपी और हरियाणा को बांटना चाहते हैं। भाजपा सांसद ने कहा कि ज्यादातर पहलवान उत्तर प्रदेश में दो जाति समूहों और हरियाणा में एक जाति समूह से थे।

बृजभूषण ने कहा- मैं चाहता हूं कि इन दोनों राज्यों के लोग इन खिलाड़ियों से पूछें कि वे नेशनल्स क्यों नहीं होने दे रहे हैं? मैंने कैडेट नेशनल किया, उन्होंने इसका विरोध किया। जूनियर्स के लिए नेशनल्स, अंडर-15 और अंडर-23 अब तक हो जाना चाहिए था। खिलाड़ियों के लिए माता-पिता त्याग कर रहे हैं। विरोध करने वाले पहलवान जंतर-मंतर पर अभ्यास कर रहे हैं। वे सभी बड़े नाम हैं, उन्हें ट्रायल की अनुमति भी मिल सकती है, लेकिन उन बच्चों का क्या जिनके माता-पिता त्याग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें खेलने को नहीं मिल रहा क्योंकि महासंघ की गतिविधियों को चार महीने के लिए बंद कर दिया गया है।
‘मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है’

महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न और शोषण के आरोपों को लेकर दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को WFI अध्यक्ष के खिलाफ दो FIR दर्ज की। विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया जैसे शीर्ष भारतीय पहलवान WFI प्रमुख के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का हिस्सा हैं। बृजभूषण ने कहा कि दिल्ली पुलिस आरोपों की जांच कर रही है और जांच के नतीजे का इंतजार किया जाना चाहिए। सांसद ने कहा कि उन्होंने निरीक्षण समिति को एक कथित तौर पर प्रदर्शन में शामिल एक खिलाड़ी का कथित ऑडियो दिया था। उन्होंने कहा कि यह उनके खिलाफ साजिश है और वह इस्तीफा क्यों दें।

बृजभूषण ने कहा कि उन्हें कुछ आरोपों की जानकारी नहीं है और उन्हें नहीं पता कि उन्हें किसने लगाया है। इस साल जनवरी में देश के कुछ प्रमुख पहलवानों के नेतृत्व में एक विरोध प्रदर्शन के बाद खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई और उसके प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह और अन्य कोचों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक ‘निगरानी समिति’ के गठन की घोषणा की थी। समिति को मंत्रालय को इस मुद्दे पर एक रिपोर्ट सौंपने का काम सौंपा गया था। पहलवानों ने रिपोर्ट में देरी का हवाला देते हुए 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था।