वाराणसी। जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर आज वाराणसी में हैं। सुबह अपने काशी आगमन के बाद सारनाथ यात्रा के बाद शाम को महामना की बगिया काशी हिंदू विश्वविद्यालय पहुंचे। जर्मन राष्ट्रपति ने यहां के शोध छात्रों के साथ धार्मिक विविधता और सहनशीलता विषयक संवाद कार्यक्रम में सीधा संवाद किया।
German Federal President Frank-Walter Steinmeier listening to students of Benares Hindu University talking about tolerance and inter-religious dialogue (next to him his wife Ms. Büdenbender, state secretary Steinlein and German Ambassador Ney). pic.twitter.com/d1e7XugEzp
— German Embassy India (@GermanyinIndia) March 22, 2018
जर्मन राष्ट्रपति ने एक तरफ तो भारत में यूनिटी की जमकर तारीफ की तो दूसरी तरफ असहिष्णुता के मुद्दे पर भी छात्रों से सवाल पूछे। लगभग 45 मिनट के संवाद कार्यक्रम में छात्रों ने जर्मन राष्ट्रपति की क्लास में उनके पूछे सवालों के जवाब तो दिए ही साथ में अपने कई सवालों को भी उनके आगे रखा।
40 शोध छात्र हुए शामिल
जर्मन राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर के साथ संवाद कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के अलग-अलग विभागों के कुल 40 शोध छात्र और छात्राओं के साथ सीधा संवाद किया। लगभग 45 मिनट चले संवाद के बाद छात्रों ने बताया कि जर्मन राष्ट्रपति ने 5 मुद्दों पर छात्रों से बात की जिसमें मुख्यता धर्मनिरपेक्षता, असहिष्णुता, शिक्षा और विकास है। छात्रों ने बताया कि जर्मन राष्ट्रपति भारत की यूनिटी को लेकर काफी प्रभावित थे।
Students at BHU discussing with German President Steinmeier :“There is sometimes a fear psychosis between communities, but there are checks and balances. Eventually rule of law will prevail.“ pic.twitter.com/CjJtFfN2nb
— German Embassy India (@GermanyinIndia) March 22, 2018
जर्मन राष्ट्रपति ने पूछा भारत में सब एक कैसे हैं ?
उन्होंने अपनी स्पीच में कहा कि जर्मनी में आसपास के देशों से अलग-अलग शरणार्थी आकर अब रहने लगे हैं और सभी में धार्मिक अंतर है। क्योंकि भारत एक बड़ा देश है और यहां पर अलग-अलग धर्म व जाति के लोग बड़े लंबे वक्त से रह रहे हैं। इसलिए उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि भारत किस तरह से अलग-अलग धर्म व जाति के लोगों के बीच सामंजस्य बैठा कर रखता है। इसके अलावा जर्मन राष्ट्रपति ने भारत में मीडिया के रोल पर भी सवाल पूछे।
सिर्फ अफवाह पर ऐसा क्यों?
छात्रों ने बताया कि जर्मन राष्ट्रपति इंटॉलरेंस के मुद्दे पर भी काफी गंभीर दिखे। खासतौर पर वह इस बात को लेकर काफी परेशान थे कि इंडिया में महज बीफ की अफवाह को लेकर किसी को मार दिया जाता है। उन्होंने इस मुद्दे पर मीडिया के रोल को भी जानने की कोशिश की। छात्रों ने बताया कि जर्मन राष्ट्रपति का कहना था कि सिर्फ अफवाहों की वजह से कोई गलत कदम कैसे उठा सकता है।
इसके अलावा उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में ही क्यों पढ़ने को लेकर भी छात्र और छात्राओं से सवाल पूछे। उन्होंने भारतीय संस्कृति और सभ्यता के मेल के साथ यहां की शिक्षा व विकास के मुद्दे के अलावा वर्तमान सरकार की वर्किंग के बारे में भी जाना।
बीएचयू में जर्मन राष्ट्रपति का वीआईपी स्वागत
इससे पहले जर्मन राष्ट्रपति का काशी हिंदू विश्वविद्यालय कैंपस में यहां के कार्यकारी कुलपति ने बीएचयू की तरफ से सिल्वर कोई हुआ बुके देकर स्वागत किया। स्टूडेंट्स ने भी जर्मन राष्ट्रपति का ऑटोग्राफ लेने के लिए काफी उत्सुकता दिखाई