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बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर अमेरिका ने कहा, मानवाधिकार मुद्दों को लेकर हमारी चिंताएं स्पष्ट हैं!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20-24 जून के बीच अमेरिका के दौरे पर जा रहे हैं, जहां वह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मिलेंगे और अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे.

गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय के डेली प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से एक पत्रकार ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के बाद बीबीसी के ख़िलाफ़ कार्रवाई और मानवाधिकार से संबंधित सवाल पूछे.

इस सवाल पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया भी दी.

पत्रकार ने अपने सवाल में कहा था कि पीएम मोदी का स्वागत बड़ी संख्या में यहां अमेरिकी भारतीय करने वाले हैं जबकि कुछ ऐसे भी है कि जो विरोध प्रदर्शन करेंगे या वो चाहते हैं कि प्रशासन मानवाधिकार और लोकतंत्र के मुद्दे को प्राथमिकता के साथ उठाए.

इस पर मिलर ने कहा, “कई ऐसे मुद्दे हैं जिस पर अमेरिका भारत के साथ काम करता है. मैंने पहले भी इस बारे में बात की है. कई ऐसे मुद्दे हैं जिस पर हम नियमित तौर पर भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बात करते हैं. मानवाधिकार मुद्दों को लेकर हमारी चिंताएं स्पष्ट हैं. हम उनसे इस बारे में निजी तौर पर भी बात करते हैं और सार्वजनिक तौर पर भी.”

उन्होंने कहा, ”विरोध प्रदर्शन पर मैं यह कहूंगा कि हम प्रत्येक अमेरिकी व्यक्ति के अपनी आवाज उठाने के अधिकार का समर्थन करते हैं.”

2002 के गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर सरकार ने रोक लगा दी थी, जिसके बाद न्यूयॉर्क स्थित मानवाधिकार संस्था ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने आलोचना करते हुए कहा था कि यह क़दम ‘आलोचना पर लगाम लगाने की सरकार की एक और कोशिश’ है.