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ब्लिंकन झूठ के अलावा कुछ नहीं बोल रहे हैं

ब्लिंकन ने यह तो माना कि ग़ज़ा के लोगों को वहां से बेदख़ल न किया जाए मगर इससे सहमत हैं कि ग़ज़ा में नजरसंहार जारी रहे!

फ़िलिस्तीन मूल के विख्यात पत्रकार अब्दुल बारी अतवान की समीक्षा अमरीकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने फ़रमाया कि ग़ज़ा के लोगों को जबरन वहां से विस्थापित किए जाने का वो विरोध करते हैं।

यह बात तो ठीक है लेकिन हमारा यह मानना है कि विरोध वो इसलिए कर रहे हैं ताकि ग़ज़ा वासी ग़जा में रहें और नेतनयाहू बमबारी कर कर के उन सबको मौत के घाट उतार दें और अमरीकी निर्मित बम और मिसाइल इस नस्ली सफ़ाए में भरपूर हिस्सा लेते रहें।

जार्डन के विदेश मंत्री एमन सफ़दी के साथ अम्मान में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ब्लिंकन ने पांच अरब देशों के विदेश मंत्रियों के सामने कहा कि वो ग़ज़ा में संघर्ष विराम किए जाने का कड़ाई से विरोध करते हैं क्योंकि इससे हमास को मौक़ा मिलेगा कि वो इस्राईल पर फिर हमला करने की तैयारी करे।

हमारा यह कहना है कि ब्लिंकन झूठ के अलावा कुछ नहीं बोल रहे हैं। अगर वो कहते हैं कि ग़ज़ा वासियों को विस्थापित किए जाने का विरोध करते हैं तो यह उनका झूठ है क्योंकि वो तो पूरी कोशिश कर रहे थे कि ग़ज़ा के सारे लोग मिस्र के सिनाई मरुस्थल में चले जाएं मगर मिस्र ने उनके इस प्रस्ताव को उनके मुंह पर मार दिया। दूसरी बात यह है कि ग़ज़ा वासियों ने साफ़ कर दिया है कि वो अपनी धरती से हटेंगे नहीं यहीं पर मौत को गले लगाना उन्हें पसंद है।

ब्लिंकन का दूसरा झूठ यह है कि वो संघर्ष विराम का विरोध करते हैं क्योंकि यह विरोध ब्लिंकन नहीं नेतनयाहू कर रहे हैं और नेतनयाहू ने संघर्ष विराम का उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया और उनके साथ इस तरह का बर्ताव किया जैसे वो अमरीका के विदेश मंत्री नहीं इस्राईली विदेश मंत्रालय को कोई कर्मचारी हैं। नेतनयाहू ने कहा कि कोई संघर्ष विराम नहीं होगा।

ब्लिकन की एक और हास्यस्पद कोशिश के बारे में सुनिए। उन्होंने रामल्ला में जाकर फ़िलिस्तीनी एथार्टी के प्रमुख महमूद अब्बास से मुलाक़ात की और प्रस्ताव दिया कि हमास को ख़त्म कर देने के बाद वो ग़ज़ा पट्टी का प्रबंधन संभालें!

यह हास्यास्पद इसलिए है कि हमास को ग़ज़ा में मान्यता रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ के साथ मिलकर हासिल होने वाली विजय और कामयाबियों की बुनियाद पर मिली है। हमास ग़ज़ा वासियों के दिलों में बसता है। हमास ने सात अक्तूबर को इस्राईल को एतिहासिक शिकस्त दी है जिससे वह उबर नहीं पाएगा।

सही बात तो यह है कि इस संगठन ने चमत्कारिक सफलताएं हासिल की हैं और इस्राईल को इस बुरी तरह अपमानित किया है कि उसे दिन में तारे दिखाई देने लगे हैं। हमास ने जिन इस्राईलियों को बंधक बनाया है उनमें कई तो इस्राईल के बड़े सैनिक अफ़सर हैं। हमास की इस सफलता से इस्राईल की इंटैलीजेंस और सुरक्षा एजेंसियों पर गंभीर सवालिया निशान लग गया है।

इसलिए हमास के विकल्प की बात करना और इस बारे में ब्लिंकन का जाकर महमूद अब्बास से विमर्श करना सब कुछ बेहद हास्यास्पद ड्रामा है। महमूद अब्बास तो वेस्ट बैंक में भी रामल्ला के बाहर बड़ी तुच्छता की नज़र से देखे जाते हैं।

ब्लिंकन की क़िस्मत में लगता है कि नाकामियों की रिकार्ड है जो वो बनाते जा रहे हैं।