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भगवान श्री कृष्ण के वंशज या यदुवंश के वंशज पूरे देश मे निवास करते हैं : विशेष रिपोर्ट

ठाकुर अंशुमान सिंह
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बहुत कम लोगों को पता है, की भगवान श्री कृष्ण के वंशज या यदुवंश के वंशज आज भी, पूरे देश मे निवास करते हैं, यदुवंश की कई शाखाएं आज भी #राजवँश के #रूप #जीबन्त है.

फोटो में #दिख रहीं, सभी #रियासते यदुवंश व भगवान श्री कृष्ण से ताल्लुक रखती है. कई #राजवंशो को तो भगवान श्री कृष्ण का वरदान भी मिला है, उन्ही में से एक है #जैसलमेर के भाटी यदुवंशी, इन्हें यदुवंश की सबसे #बड़ी व #मुख्य शाखा माना जाता है, सभी यदुवंशियों में सिर्फ इन्हें ही #छात्राला_यादव की उपाधि की मिली है, #किंयुकि इनके पास प्राचीन काल से, भगवान श्री कृष्ण का शासकीय #मेडाम्बर_छत्र आज भी राजमहल में रखा हुआ है….इसे आप जैसलमेर के 900 साल #पुराने किले में आज भी देख सकते हैं, ऐसे ही गुजरात के जाडेजा यदुवंशी के लिए एक बात प्रचलित है, सौराष्ट्र में कहावत है कि अगर सुबह कोई #जाडेजा( दरवार) के दर्शन हो जाएं तो समझो श्री कृष्ण के दर्शन हो गए ….इन्ही #जाडेजाओ के पास ऐतिहासिक मन्दिर प्रदुम्न की #हवेली का अधिकार है, जो एक केस के बाद हाईकोर्ट ने ये मंदिर प्रदुम्न के वंशज होने के #नाते जाडेजाओ को कोर्ट ने दिया था….ओर भगवान कृष्ण के कुलदेवी हरसिद्धि माता का #मंदिर भी जाम ट्रस्ट के पास है इसके अलावा मानचित्र में दी ये सभी रियासते व #वंश कंही ना कंही यदुवंश से जुड़े हैं……

जूनागढ़ का यदुवंशी #चुडासमा वंश ने 700 से अधिक साल तक राज किया था

यह सबके इतिहास में यदुवंश यादव को #जदुवंशी , जादव #जादोंन ऐसे लिखा गया है कुछ सरनेम आज भी है ।

#इन सभी बातों के साक्ष्य भी गजेटियर या अन्य जगह मौजूद हैं….ओर बारोट भाट की वंशावली भी है जो ब्रह्मा जी से आजतक #चले आये वारिस तक की ।

Note :- #अहिर समाज का यदुवंश के शाखा से कोई संबंध नही है, अहिर समाज द्वारा यादव सरनेम एक Social Status बढ़ाने के लिए, ग्रहण #किऐ हुए पहचान है ।
जय श्री कृष्णा🙏
Credit:- #_vatsalasingh