देश

भारतीय ट्रायबल पार्टी ने मानगढ़ धाम को प्रधानमंत्री मोदी दुवारा राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा न देने पर उठाए सवाल : वीडियो

बीटीपी राष्ट्रीय संरक्षक माननीय छोटू भाई वसावा बीटीपी केंद्रीय कार्यालय वाइट हाउस चंदेरिया गुजरात से राजस्थान मध्यप्रदेश गुजरात और महाराष्ट्र के आदिवासियों को मानगढ़ धाम पर संदेश

कुशलगढ़ जिला बांसवाड़ा राजस्थान रिपोर्टर धर्मेन्द्र सोनी,,

शहिदों की सहादत स्थली को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आखिरकार क्यों नहीं किया राष्ट्रीय स्मारक घोषित,


राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा अपनी ही पार्टी भाजपा की मांग पर क्यों नहीं लगाई मानगढ़ धाम पर राष्ट्रीय स्मारक की मौहर राजस्थान मध्यप्रदेश गूजरात व महाराष्ट्र,इन चारो राज्यों की सरकारों के पाले में पीएम ने क्यों डाली मानगढ़ धाम के स्मारक की गेंद, भारतीय ट्रायबल पार्टी बिटीपी ने उठाए सवाल, कहां दोनों पार्टियां नहीं चाहतीं की मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा मिले, भारतीय ट्रायबल पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय भाई मईडा ने प्रेस नोट के माध्यम से यह बताया कि पिछले कई दिनों से मानगढ़ धाम सुर्ख़ियों में चल रहा था की आदिवासियों की शहादत भूमि को 1 नवंबर को सम्मान मिलेगा देश के आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी आदिवासी राष्ट्रीय स्मारक घोषित करेंगे तथा बांसवाड़ा जिले को रेल लाइन से जोड़ेंगे यह चारों राज्यों के आदिवासी क्षेत्रों में चर्चा का विषय बना हुआ था की आदिवासियों की अपार श्रद्धा मानगढ़ धाम से जुड़ी हुई है 17 नवंबर 1913 में 1500 से अधिक आदिवासी शहीद हुए वह आज तक गुमनाम है जिन्हें सम्मान मिलेगा इस आस पर टकटकी लगाए आदिवासी समाज के साथ खिलवाड़ किया गया उनकी जन भावनाओं के साथ धोखा हुआ है।

अपने संबोधन में आदिवासियों की तारीफ करते नहीं थके लेकिन असल मुद्दों से आदरणीय प्रधानमंत्री जी जानबूझकर भटक गए। तथा चारों राज्यों के आदिवासी समाज के प्रमुख मुद्दे पांचवी छठी अनुसूची, पेसा एक्ट, और भील प्रदेश की मांग के मुद्दों को तो अनदेखा कर दिया पर जिस मुद्दे को लेकर यहां के भाजपा और कांग्रेस के नेताओं द्वारा आदिवासी समाज की भीड़ को जुटाया था उसे भी नजरअंदाज कर दिया गया तीनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के द्वारा मंच से मांग करने के बावजूद मानगढ़ धाम को आदिवासी राष्ट्रीय स्मारक घोषित नहीं किया जाना आदिवासियों के साथ एक सौतेला व्यवहार है।

साथ ही राजस्थान मध्य प्रदेश मैं आए दिन एसटी एससी समाज के साथ अन्याय व अत्याचार बढ़ रहा है और कई घटनाएं घटित हो चुकी है किसी एक भी घटना पर संवेदना प्रकट नहीं की। चारों राज्यों में ओबीसी समाज भी बहुत पिछड़ा हुआ है जिसका ना जिक्र हुआ और ना ही प्रथक से जनगणना कराने एवं आयोग गठित करने पर चर्चा की। साथ ही चारों राज्यों के लाखों आदिवासियों को विकास के नाम पर बेदखल कर विस्थापित किया जा रहा है उनकी मूल संस्कृति जल जंगल और जमीन से जुड़ी हुई है उसका विनाश किया जा रहा है उनके संवैधानिक अधिकार खतरे में है। आदिवासी क्षेत्र की जनता बेरोजगारी, महंगाई, और भ्रष्टाचार से परेशान हैं किसान, नौजवान, महिलाएं, कामगार मजदूर , पिछड़े तबके के लोग अर्थात हर वर्ग त्रस्त है। राजस्थान मध्य प्रदेश गुजरात और महाराष्ट्र में निवास करने वाला आदिवासी एक नई और सकारात्मक राजनीति की ओर अग्रसर है जिसका आने वाले समय में बहुत बड़ा बदलाव होगा। आदिवासी क्षेत्र की जनता समझ चुकी है जिसका करारा जवाब आने वाले समय में भाजपा और कांग्रेस को मिलेगा।