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भारत और UAE ने डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए अपनी-अपनी मुद्रा में कारोबार करने के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए

अब भारत और यूएई ने डॉलर को लगाया किनारे

भारत और यूएई ने डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए अपनी-अपनी मुद्रा में कारोबार करने के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

शनिवार को भारतीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की यूएई की यात्रा के दौरान, इस देश के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन ज़ायद अल-नहयान से मुलाक़ात के बाद, रुपये और दिरहम में कारोबार के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

मोदी पेरिस से वापसी के दौरान, संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे और उन्होंने वहां जल्द ही द्विपक्षीय कारोबार 85 अरब से बढ़कर 100 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद जताई।

दोनों देशों ने इसके अलावा एक दूसरे समझौते पर भी हस्ताक्षर किए, जिसके तहत दोनों के बीच त्वरित भुगतान करने की व्यवस्था भी की जाएगी।

ग़ौरतलब है कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी की यह पांचवीं यूएई की यात्रा थी।

भारत ने यूएई से अब ग़ैर तेल कारोबार को 2030 तक बढ़ा कर 100 अरब डॉलर तक ले जाने का फ़ैसला किया है।

पिछले वित्त वर्ष के दौरान, यूएई भारत को कच्चा तेल सप्लाई कराने वाला तीसरा बड़ा देश था। भारत के तेल आयात में इसकी दस फ़ीसदी हिस्सेदारी थी।

भारत और यूएई के बीच बढ़ते रिश्तों में दोनों के बीच पिछले साल हुआ सीईपी कॉम्प्रिहेन्सिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप समझौता अहम भूमिका निभा रहा है।

पिछले एक दशक के दौरान, भारत की ओर से किया गया यह पहला मुक्त व्यापार समझौता है। भारत ने पिछला मुक्त व्यापार समझौता 2011 में जापान से किया था।