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भारत की एक इंच ज़मीन पर भी चीन का कब्ज़ा नहीं, लद्दाख में चीनी सैनिकों के दख़ल की ख़बरें राजनीति से प्रेरित हैं : लद्दाख के एलजी बीडी मिश्रा

नए बने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के एलजी बीडी मिश्रा ने कहा है कि 2019 में जम्मू कश्मीर से अलग होकर एक नया प्रदेश बनने के बाद से लद्दाख का विकास सही तरीके से हो रहा है.

बतौर ब्रिगेडियर सेना में काम कर चुके मिश्रा ने कहा कि लद्दाख में चीनी सैनिकों के दखल की ख़बरें राजनीति से प्रेरित हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने लद्दाख के विकास से जुड़े कई मुद्दों पर बात की. इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद चीन को ये पता है कि भारत अपनी एक इंच ज़मीन भी उसे लेने नहीं देगा.

उन्होंने दावा किया, “प्रशासन की कोशिश है कि ज़मीन आवंटन के मामले में प्राथमिकता स्थानीय लोगों को दी जाए. यहां किसी बाहर वाले को ज़मीन मिलना अपवाद होगा. यही बात नौकरियों पर भी लागू होती है.”

इंटरव्यू के दौरान उनसे सवाल किया गया कि कुछ राजनीतिक पार्टियों का दावा है कि ऐसे इलाक़े जहां तक स्थानीय लोगों की पहुंच नहीं है वहां चीन अपने पैर रखने की कोशिश कर रहा है. ये पार्टियां अपने दावे के समर्थन में सैटलाइट तस्वीरें दे रही हैं और कह रही हैं कि सरकार इस मामले में अपना इरादा साफ करे.

इस सवाल के उत्तर में एलजी मिश्रा ने कहा कि “1962 में हमने चीन की आक्रामकता देखी थी, लेकिन उस वक्त सरकार इसके लिए तैयार नहीं थी. लेकिन आज की बात करें तो लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल में भारत की तरफ किसी चीनी का एक भी कदम नहीं पड़ा है.”

उन्होंने कहा, “माना जा रहा है कि वो हमारे इलाक़े में हैं, और चीनी भी यही कह रहे हैं. हम कहते हैं कि लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल एक ख़ास जगह से होकर गुज़रती है और इसे लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं लेकिन इसके बावजूद अब तक किसी चीनी व्यक्ति ने हमारी सीमा में कदम नहीं रखा है.”

“नो मैन्स लैंड के पास सैनिकों की तैनाती है, इसे बरकार रखा जाना चाहिए. हमारे लिए हमारी सीमा इसी नो मैन्स लैंड से होकर जा रही है. जब लोगों से कहा जाता है कि उन्हें कहीं भी चले जाने की इजाज़त नहीं है, इसका मलतब ये नहीं कि वहां चीनी आ गए हैं. ये इसलिए क्योंकि वो नो मैन्स लैंड है.”

एलजी बीडी मिश्रा ने कहा, “ये प्रोपोगैंडा है जो कि पूरी तरह से ग़लत है और राजनीति से प्रेरित है. मुझे लगता है कि राजनीतिक रूप से ये अफ़वाह उड़ाई गई है कि चीनियों ने हमारी ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है. हमारी एक इंच की ज़मीन भी चीनियों के कब्ज़े में नहीं है. और ऐसा कभी नहीं होगा क्योंकि हम तैयार हैं.”

बीडी मिश्रा इससे पहले अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल रह चुके हैं. वो कहते हैं कि मई 26, 2014 से पहले लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश को नज़रअंदाज़ किया जा रहा था, लेकिन पीएम मोदी ने सत्ता में आने के बाद वाइब्रेंट विलेज़ेस की धारणा शुरू की.

उन्होंने कहा, “उन्होंने सीमावर्ती इलाक़ों में इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाना शरू किया ताकि हमारे सैनिकों तक ज़रूरत का सामान पहुंचाया जा सके और वो लड़ने के लिए तैयार रह सकें.”

“हम चीनियों का यकीन नहीं करते. लेकिन एक बात स्पष्ट है. चीनियों को पता है कि मोदी के आने के बाद भारत का नेतृत्व अपनी एक इंच ज़मीन पर उसे पैर रखने नहीं देगा.”

पूर्व की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “1962 का युद्ध एकतरफा था, अब ऐसा नहीं होगा. हमें इसकी उम्मीद नहीं थी क्योंकि हम हिंदी चीनी भाई-भाई में यकीन करते थे. आला नेताओं को भी नहीं लगा था कि चीन हमला करेगा. चीनी प्रीमियर ज़ू एनलाई और भारतीय पीएम जवाहर लाल नेहरू अच्छे दोस्त हुआ करते थे. उस वक्त हमने बड़ी ग़लती की, हमने अपनी सेना को उस तरह से तैयार नहीं रखा.”

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