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भारत में अमेरिका के राजदूत ने मणिपुर में जारी हिंसा पर कहा-हमारा दिल दुखता है

भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने मणिपुर में जारी हिंसा को भारत का आंतरिक मामला बताया है। हालांकि उन्होंने कहा, दुनिया में कहीं भी इंसान को पीड़ा हो तो हमारा दिल दुखता है। अमेरिकी अधिकारियों से वार्ता करने वाशिंगटन पहुंचे गार्सेटी ने यह टिप्पणी तब की जब मणिपुर में दो महिलाओं से हैवानियत के बारे में उनसे पूछा गया। गार्सेटी ने यह भी कहा कि उन्होंने संबंधित वीडियो नहीं देखा है और पहली बार इसके बारे में सुन रहे हैं। हमारा हृदय भारतीय लोगों के साथ है। जैसा की मैंने कहा, यह भारत का आंतरिक मामला है लेकिन निश्चित रूप से एक इंसान के रूप में हमारी संवेदना पीड़ा सहने वालों के साथ है।

समझिए पूरा मणिपुर विवाद
मणिपुर में तीन मई से जातीय हिंसा भड़की हुई है। करीब ढाई महीने से जारी हिंसा में 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। जबकि, कई लोग घायल हैं। दरअसल, मेइतेई समुदाय अनुसूचित जनजाति (एसटी) की मांग कर रहा है, इस वजह से कुकी और मेइतेई समाज आपस में भिड़ गया है। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

गार्सेटी ने की पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा की तारीफ
अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा पर भी बात की। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की यात्रा काफी आसाधारण थी। पीएम मोदी राजकीय यात्रा पर अमेरिका पहुंचे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति बाइडन से व्यापक चर्चाएं की। गार्सेटी ने कहा कि मुझे लगता है निश्चित रूप से अमेरिका-भारत संबंधों के इतिहास में सबसे आसाधरण यात्रा थी। ऐतिहासित राजकीय यात्रा के बाद से कोई कमी नहीं है। मेरे दोनों सहयोगियों ने बताया कि भारत सरकार समझौतों को लागू करने के लिए लगातार बैठक कर रही है।