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हत्याओं और जनसंहार के मौसम में साहित्य के रंगारंग जलसों में गाने-बजाने वालों से…
Kavita Krishnapallavi =========== जिस दिन हम सत्ता के आगे झुकने वालों से, फासिस्ट हत्यारों के हाथ चूमकर उनसे ईनाम और वजीफा लेने वालों से, हत्याओं और जनसंहार के मौसम में साहित्य के रंगारंग जलसों में गाने-बजाने वालों से, पतित छद्मवामियों, लिजलिजे लिबरलों, निठल्ले कायर बकवासियों, अवसरवादियों, कैरियरवादियों, बौद्धिक लफंगों और साहित्यिक दुराचारियों व दल्लों से […]
1857 की क्रांति के जनक थे मातादीन बाल्मीकि, ‘अरे भंगी, मेरा लोटा छूकर #अपवित्र करेगा क्या?’ फिर क्या था….Dk Verma Verma से प्राप्त लेख पढ़ें!
Dk Verma Verma ================= #आँखे_खोल_देगी यह पोस्ट! 1857 की क्रांति के जनक थे मातादीन बाल्मीकि मातादीन के पुरखे #अंग्रेजी_शासन में सरकारी नौकरी में रहे थे। #मातादीन को भी बैरकपुर फैक्ट्री में खलासी की नौकरी मिल गई। यहां अंग्रेज सेना के सिपाहियों के लिए कारतूस बनाए जाते थे। _________________________ इन्हीं कारतूसों को तमाम #सैनिक अपने मुंह […]
कच्ची उम्र के नोजवानों के दिमाग़ में ज़ेहर कौन भर रहा है? रवीश कुमार ने खोली पोल
नई दिल्ली:भारतीय पत्रकारिता के बेबाक और निडर पत्रकार रवीश कुमार के साथ आये दिन बीजेपी और संघ की आईटी सेल वाले गाली गलौच करते रहते हैं,और उन्हें निशाना बनाते हैं,आमतौर रवीश उनकी बातों पर ध्यान नही देते हैं,लेकिन जब पानी सिर से उतर जाता है तो फिर वो इसको सबके सामने लाते हैं।ऐसी ही एक […]